हरियाणा में पहली बार रेवाड़ी में हुआ तितलियों पर विशेष सर्वेक्षण, 60 प्रजातियों की हुई पहचान

– वन एवं वन्यजीव विभाग ने अरावली क्षेत्र में खोल खण्ड के 10 गांवों में किया तितलियों पर सर्वेक्षण
– 10 गांवों के एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र में दिन भर एक्सपर्ट ने किया सर्वेक्षण, बड़ी संख्या में प्रजातियों की हुई पहचान
रेवाड़ी: सुनील चौहान। रेवाड़ी जिला के खोल खण्ड के 10 गांवों में वन एवं वन्यजीव विभाग, हरियाणा द्वारा मंगवार को तितलियों का विशेष सर्वेक्षण कराया गया। वन एवं वन्य प्राणी विभाग, हरियाणा के पीसीसीएफ एवं चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जगदीश चन्द्र के नेतृत्व में देश भर से आए विशेषज्ञों ने अरावली की पहाड़ी से सटे गांव नामत: पालड़ा, अहरोद, बासदूदा, खोल, मनेठी, भालकी, माजरा, नांधा, बलवाड़ी व खालेटा मेंहरियाणा में पहली बार रेवाड़ी में हुआ तितलियों पर विशेष सर्वेक्षण, 60 प्रजातियों की हुई पहचान 1000 हेक्टेयर क्षेत्र में तितली की विविधता का आंकलन करते हुए तितलियों की 60 प्रजातियों की पहचान की। जिसका निष्कर्ष यह निकल कर सामने आया कि अरावली की पहाड़ी का यह क्षेत्र जैव विविधता के लिए उपयुक्त क्षेत्र है।

IMG 20210928 WA0048
*देश भर के विशेषज्ञों ने किया सर्वेक्षण*
जिला वन अधिकारी सुंदर सांभरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि उपायुक्त यशेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में पर्यावरणीय अध्ययन के लिए यह एक महत्वपूर्ण सर्वेक्षण था। हरियाणा में पहली बार इस तरह का सर्वेक्षण हुआ है। तितलियों को हमारे इको सिस्टम का बायो इंडिकेटर माना जाता है। तितलियों की उपस्थिति एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है। यह समृद्ध और विविध जीवन रूपों की उपस्थिति का भी प्रतीक है। सर्वेक्षण में दिल्ली, मुंबई, फरीदाबाद सहित देश के विभिन्न हिस्सों से 60 एक्सपर्ट शामिल हुए। सर्वेक्षण में गुरूग्राम के मुख्य वन संरक्षक एमएस मलिक, हरियाणा स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड व स्वयं सेवी संस्था नेचर फर्स्ट ने भी अपना योगदान दिया।

IMG 20210928 WA0049
तितली एक महत्वपूर्ण परागणक:
जिला वन अधिकारी ने कहा कि हरियाणा में अपनी तरह का यह पहले तितली सर्वेक्षण (पतंगों सहित) का उद्देश्य प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए हर प्रकार के जीव-जंतु की महता की जानकारी प्राप्त करना था। तितलियां जोकि एक महत्वपूर्ण परागणक भी हैं व कई पौधों की प्रजातियों को परागित करते हैं क्योंकि वे फूल से फूल की ओर बढ़ते हैं। पौधों और तितलियों के बीच एक सहजीवी संबंध है।
पर्यावरण प्रबंधन की रणनीति तैयार करने में कारगर सर्वेक्षण:
उन्होंने बताया कि एक दिवसीय सर्वेक्षण में तितलियों की 60 प्रजातियों की पहचान होने से विशेषज्ञ भी दंग रह गए। अरावली क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता के कारण ही आज बड़ी संख्या में तितलियों की पहचान हुई। इस सर्वेक्षण के परिणाम से तितलियों और पतंगों के संरक्षण के लिए प्रबंधन रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।