रेवाडी: सुनील चौहान। महानिरीक्षक दक्षिण मण्डल रेवाडी डा.एम रवि किरण के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल आइपीएस के कुशल मार्गदर्शन में साईबर अपराध जागरुकता दिवस पर साउथ रेंज साइबर थाना पुलिस द्वारा स्कूल, कालेज, रेलवे स्टेशन, बस अडडा व ग्रामीण क्षेत्र में जाकर साईबर अपराध व अपराधी के जाल से कैसे बचें इसकी जानकारी सभाओं, नुकड-नाटकों व अन्य प्रचार माध्यमों से दी गई। आम जन मानस से भी अपील की है की किसी भी माध्यम (इंटरनेट व मोबाइल द्वारा) से दिये हुए लालच मे ना आए और कोई भी अनजान वेबसाइट व अन्य लिंक पर क्लिक ना करे तथा अपने अकांउट, ओ.टी.पी व पासर्वड की जानकरी किसी को न दें। सभी पासर्वड मजबूत व गोपनीय रखें।
1 साइबर अपराध के बढ़ते खतरे का संज्ञान लेते हुएए हरियाणा पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर नागरिकों से अज्ञात व्यक्तियों से प्राप्त त्वरित प्रतिक्रिया ;क्यूआरद्ध कोड को स्कैन करने से वा किसी भी विज्ञापन लिंक पर क्लिक करने से बचने का अनुरोध किया क्योंकि इससे उनके बैंक खातों से धन की चोरी हो सकती है वा उनकी गोपनीय जानकारी भी चोरी हो सकती है ।
2 थाना साईबर क्राईम दक्षिण मण्डल रेवाडी की टीम द्वारा लोगों को ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहने की सलाह देते हुए आज कहा कि साइबर अपराधी अब ई.मेलए व्हाट्सएप , एसएमएस आदि के माध्यम से क्यूआर कोड ए लिंक भेजकर वा विज्ञापन दिखाकर निर्दोष व्यक्तियों के बैंक खातों को हैक करने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।
3 स्मार्टफोन के उपयोग में वृद्धि और मोबाइल ऐप और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान के कई तरीकों ने साइबर धोखाधड़ी के लिए एक सक्षम वातावरण तैयार किया है। ऐसे स्कैमर्स से खुद को बचाने के लिए लोगों को ऑनलाइन भुगतान के हर विवरण पर पूरा ध्यान देना चाहिए।
;4 कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए कि पहलेए ये स्कैमर्स सेकेंड हैंड सामान के लिए ऑनलाइन खरीदार, विक्रेता के रूप में पोज देते हैं और फिर वे एक क्यूआर कोड लिंक भेजते हैं जिसमें पीड़ितों को भुगतान को आसान बनाने के लिए कोड को स्कैन करने के लिए वा लिंक पर क्लिक करने को कहा जाता है। जैसे ही प्राप्तकर्ता कोड को स्कैन या लिंक पर क्लिक करते हैं उनके खाते से पैसे कट जाते हैं।
5 इसके अलावा दुकानदारों को बल्क ऑर्डर देने का लालच भी दिया जाता है और बाद में भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड या लिंक भेजकर धोखा दिया जाता है।
6 थाना साईबर क्राईम दक्षिण मण्डल रेवाडी की टीम द्वारा यूपीआई या अन्य वॉलेट का उपयोग करके ऑनलाइन भुगतान करने के लिए एहतियाती उपायों का भी सुझाव दिया और कहा कि क्यूआर कोड केवल पैसे प्राप्त करने के बजाय भुगतान करने के लिए स्कैन किए जाते हैं। वा कोई भी लिंक जानकारी हासिल करने के लिए प्रयोग किया जाता है अतरू लोगों को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन करने से तथा अन्जान लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए और अज्ञात पते से ईमेलए व्हाट्सएप और टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं देना चाहिए। सतर्कता से हर कोई साइबर घोटालों को रोकने में मदद कर सकता है और निर्दोष लोगों को साइबर अपराध का शिकार बनने से रोक सकता है।