हरियाणा: सुनील चौहान। श्रमिकों को अपने साथ जानलेवा हादसे होने का खतरा बना रहता है। विभिन्न हादसों में शारीरिक अंग फ्रैक्चर होने की स्थिति में कई मजदूर इलाज कराने में सक्षम नहीं होते। उनकी सुविधा के लिए सरकार ने श्रमिक पंजीकरण मिशन शुरू किया है। पोर्टल पर रजिस्टर्ड श्रमिकों को बीमा की सुविधा तथा अन्य प्रशासनिक योजनाओं का लाभ मिलेगा। पंजीकरण के लिए सीएचसी सेंटर अधिकृत कर दिए गए हैं, जहां आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करके श्रमिक रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
पोर्टल पर श्रमिकों की बनाई गई 156 कैटेगरी:
भवन निर्माण के दौरान मजदूरों को सीढ़ियों पर खड़े होकर काम करना पड़ता है। चिनाई या प्लास्टर करते समय सीढ़ी टूटने या पैर फिसलने पर जानलेवा हादसा संभव है। बीमा पॉलिसी के अभाव में मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता भी संभव नहीं हो पाती। हादसे में अंग भंग होने पर कई मजदूरों के पास इलाज कराने के पैसे नहीं होते। ऐसे में पीड़ित के परिजनों को आर्थिक समस्याओं ने जूझना पड़ता है। उनकी सुविधा के लिए सरकार श्रमिक कल्याण योजना क्रियान्वित की है।
योजना के मुताबिक, श्रम मंत्रालय ने पोर्टल लॉन्च कर दिया है, जिसमें श्रमिकों को पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पोर्टल पर श्रमिकों की कुशल, अर्धकुशल, अकुशल, टेक्निशियन, क्लर्क समेत 156 कैटेगरी बनाई गई हैं। पंजीकरण के दौरान श्रमिक को अपनी कार्य कुशलता के अनुसार ही कॉलम फ्लिप करने होंगे। सीएचसी पर पोर्टल को ओपन कर दिया है, सभी मजदूर नजदीकी सीएचसी से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
श्रम कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज:
विभागीय जानकारी के मुताबिक, श्रम कार्ड बनवाने के लिए श्रमिकों को आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, कार्य कुशलता का विवरण, शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्रों को पोर्टल पर अपलोड करना पड़ेगा। आपात स्थिति में इन्हीं दस्तावेजों की मदद से पीड़ित या मृतक को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। दस्तावेज अपलोड होने पर बाद पोर्टल पर 12 अंकों का नंबर उपलब्ध होगा।
काम के दौरान हादसे में मृतक श्रमिक परिवार को दो लाख की सहायता मिलेगी:
पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को बीमा की सुविधा मिलेगी। काम के दौरान हादसे में मृतक श्रमिक को दो लाख की आर्थिक सहायता मिलेगी। अंग भंग होने की स्थिति में एक लाख की आर्थिक सहायता निर्धारित की गई है। इस सुविधा के लिए श्रमिकों को प्रीमियम जमा कराने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा रजिस्टर्ड मजदूरों को पोर्टल के माध्यम से रोजगार हासिल करने में मदद मिलेगी।