Rewari Vaccine drive: वैक्सीन की किल्लत से थमी टीकाकरण की रफतार

रेवाड़ी : सुनील चौहान। कोरोनारोधी टीकों की पर्याप्त मात्रा उपलब्धता नहीं होने के कारण टीकाकरण कार्यक्रम सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रहा है। जल्द ही टीकों की खेप नहीं आती है तो व्यवस्था एक बार फिर चरमराने की आशंका है। पिछले पांच दिनों से अधिक समय से 45 वर्ष या इससे अधिक आयु के अधिकांश नागरिकों को कोरोनारोधी टीके नहीं लग पा रहे हैं। नागरिक अस्पताल के साथ विभिन्न टीकाकरण केंद्रों पर सैकड़ों की संख्या में लोग टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। रविवार को ही कई दिनों बाद 12 हजार कोरोनारोधी टीके 18 से 44 वर्ष आयु के लाभार्थियों को लगाने के लिए आए थे। इसके चलते पहले से चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम के लाभार्थियों को टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। ऐसे में हजारों की संख्या में 45 साल से अधिक आयु के नागरिकों को पहली डोज के साथ दूसरी डोज का टीका भी नहीं लग पा रहा है। ऐसे में जल्द टीकों का स्टाक नहीं आता है तो 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों का टीकाकरण कार्यक्रम भी प्रभावित हो सकता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग अधिकांश केंद्रों पर टीकाकरण कार्यक्रम सुचारू नहीं कर पा रहा है। आनन-फानन में पहले दिन रविवार को पांच तो सोमवार को 23 केंद्रों पर 100-100 टीके ही लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहरलाल के रेवाड़ी आगमन के दौरान भी टीकों की कमी के कारण आ रही परेशानियों को प्रमुखता से उठाया गया था। अब तक लगे डेढ़ लाख से अधिक टीके जिले में अभी तक करीब 1.50 लाख लोगों को कोरोनारोधी टीके लगाए जा चुके हैं। टीकों की कमी के कारण यह संख्या कम है। जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जल्द ही टीकों की भारी मात्रा में उपलब्ध होने की संभावना जता रहे हैं।