लॉकडाउन के नाम पर शुरू हुई कालाबाजारी, दुकानदार कूट रहे चांदी, प्रशासन मौन

रेवाड़ीः दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम संदेश में यह साफ कर चुके हैं कि देश में तेजी से बढ़ते कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन ही कोई एकमात्र विकल्प नहीं है। कोरोना और लॉकडाउन जैसी स्थिति से बचने के लिए हमें खुद भी सावधान और सतर्क रहना होगा। बावजूद इसके लॉकडाउन की अफवाहें कम होने का नाम नहीं ले रही है।
दरअसल हम बात कर रहे हैं पीतल नगरी रेवाड़ी व औद्योगिक कस्बा धारूहेा की जहां पिछले कई दिनों से जोर पकड़ रही लॉकडाउन की अफवाहों के बीच कुछ खाद्य एवं तंबाकू पदार्थों में कालाबाजारी की रफ्तार ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
देशभर के साथ रेवाड़ी जिला में भी कोरोना केसों में बढ़ोतरी के साथ जहां एक ओर स्वास्थ्य सेवाएं चरमराती दिखाई देने लगी है, अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी के चलते लोगों की जान आफत में है तो वहीं दूसरी ओर खाद्य एवं तंबाकू पदार्थों के दामों में अचानक आए उछाल से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। खास तौर पर बात करें तंबाकू पदार्थों की तो रेवाड़ी के बाजारों में इन पदार्थों की कालाबाजारी सिर चढ़कर बोल रही है और इस धंधे से जुड़े कुछ व्यवसायी न केवल जमकर मनमाने दाम वसूल कर जमकर चांदी कूट रहे हैं, बल्कि लोगों की जेबों पर भी जमकर डाका डाला जा रहा है।
बताया जाता है कि लॉकडाउन की अफवाहों के चलते इन व्यापारियों ने पहले से ही भारी मात्रा में तंबाकू पदार्थो का स्टॉक कर लिया था, जिसे अब मनमाने दामों पर बेचा जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यह खेल अभी खेला जा रहा हो। पिछले साल शुरू हुए कोरोना के दौरान भी ऐसी ही स्थिति रेवाड़ी के बाजारों में देखने को मिली थी।
मगर हैरान करने वाली बात यह है कि इन वस्तुओं के दामों में भारी उछाल के बावजूद इन्हें यहां रोकने टोकने वाला शायद कोई नहीं है या यह कहें कि प्रशासन भी इस ओर आंखें मूंदे बैठा है तो कोई अतिशयोक्ति न होगी, क्योंकि अभी तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने इस मामले में बाजारों में झांकने की जहमत नहीं उठाई है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कुछ संज्ञान लेता है या फिर कालाबाजारी का यह खेल इसी तरह जारी रहेगा और लोगों की जेब यूं ही कटती रहेगी।