लद्दाख बंकर में हुआ ब्लास्ट: मरते मरते भी बचा गए तीन जवानों की जान

तीन बहनो के थे इकलौते भाई, आज पहुंचेगा उनका पार्थिव शव
हरियाणा: रेवाड़ी जिले के गांव रतनथल निवासी सूबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान लद्दाख के तागसे में बंकर में हुए ब्लास्ट में शहीद हो गए है। गांव में ही सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शमशेर 3 बहनों के इकलौते भाई थे। उनके शहीद होने पर पैतृक गांव रतनथल में शोक की लहर है। शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा। ग्रामीणों ने अपने लाल शमशेर सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए खास तैयारी की हैं।

UPI Payments: बिना इंटरनेट भी पेयमेंट हो सकती है ट्रांसफर. जानिए कैसे

रेवाड़ी से 10 किलोमीटर दूर गांव रतनथल के निवर्तमान सरपंच जयभगवान ने बताया कि शमशेर सेना की यूनिट 22 मेक का जवान था और लेह लद्दाख के तागसे में तैनात थे। 2 जनवरी की रात को अचानक उनके बंकर में ब्लास्ट हो गया था और सूबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान गंभीर रूप से घायल हो गए। खुद घायल होकर शमशेर सिंह अपने साथी जवानों को बचाने में कामयाब रहे। उनको गंभीर हालत में आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बचाया नहीं जा सका। शमशेर सिंह गुरुवार को शहीद हुए। शमशेर सिंह के शहीद होने की सूचना के बाद गांव में शोक की लहर है।

ग्राम सचिव व सरपंच मिलकर डकार गए 15 लाख, शिकायत पर हुआ मामला दर्ज.. जानिए क्या है पूरा मामला

पिता भी आर्मी सेवा निवृत
बता दें कि शहीद सूबेदार मेजर शमशेर सिंह के पिता भवानी सिंह भी सेना में थे और कैप्टन पद से सेवानिवृत्त हैं। पिता कैप्टन भवानी सिंह के अतिरिक्त परिवार में मां कमलेश देवी, पत्नी रजनी देवी, 18 वर्षीय बेटा प्रयाग, 13 वर्षीय बेटी धानिया व 12 वर्षीय बेटी फाल्गुनी है।

ओटोफिट कंपनी: कर्मचारियों को किया टरमिनेट, गेट पर लगाया ताला