रेवाड़ी: शहर का जाम अब आम हो चुका है। हर दिन लगने वाले जाम से निजात दिलाना अब ट्रैफिक पुलिस के लिए भी किसी मुसबित से कम नहीं है, क्योंकि शहर के 6 प्रमुख चौराहों पर करोड़ों रुपए खर्च करके ट्रैफिक लाइटें तो जरूर लगा दी गईं, लेकिन ये लाइटें आज तक चालू नहीं हो पाई हैं। लाइटें नगर परिषद की तरफ से लगाई गई थीं, लेकिन दो दिन चालू होने के बाद ही बंद हो गई।
ट्रैफिक लाइट के अभाव में दिन भर ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी कड़कती धूप में ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने में लगे रहते हैं। शहर में यातायात के बढ़ते दबाव के बाद यह जरूरी हो गया है कि प्रमुख चौराहों पर लालबत्तियों की व्यवस्था हो। ट्रायल बेस पर आज से 5 साल पहले नाईवाली चौक व अभय सिंह चौक पर रेड लाइटें लगाई गई थीं। लेकिन सोलर सिस्टम से लाइटें जुड़ी होने के कारण एक दिन भी नहीं जली।
अभी दो साल पहले ही नगर परिषद ने करोड़ों रुपए खर्च करके बावल चौक, अग्रसैन चौक, राजेश पायलट चौक, धारूहेड़ा चुंगी और झज्जर चौक पर ट्रैफिक लाइटें लगवाई थीं। शुरू के 5 दिन इन ट्रैफिक लाइटों ने काम किया, लेकिन उसके बाद आज तक लाइटें बंद पड़ी हैं। ट्रैफिक लाइटें नहीं होने के कारण ही शहरवासी जाम का सामना कर रहे हैं। प्रमुख चौराहों पर दिन भर यातायात व्यवस्था का बुरा हाल रहता है।
कई चौराहों पर लालबत्ती जरूरी
शहर के कई चौराहों पर लालबत्ती की सख्त आवश्यकता है। एक दर्जन से अधिक चौराहे ऐसे हैं, जहां लालबत्ती के अभाव में सड़क हादसे होने की आशंका बनी रहती है। अधिकांश चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लग चुकी हैं, लेकिन इंतजार इनके चालू होने का है। अगर ट्रैफिक लाइटें चालू होती हैं तो इससे शहर के लोगों को ट्रैफिक जाम से भी निजात मिल जाएगी।
ट्रैफिक पुलिस का काम होगा कम
रेड लाइट चालू नहीं होने के कारण चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के दो से तीन कर्मचारी तैनात होते हैं। ट्रैफिक पुलिस के पास स्टाफ की पहले ही कमी है। अगर इन चौराहों पर रेड लाइट चालू हो जाती है तो इससे ट्रैफिक पुलिस का दबाव भी काफी कम हो जाएगा।
जवाब देने से बचते रहे नप अधिकारी
ट्रैफिक लाइटों को लेकर जब नगर परिषद के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो वे एक दूसरे के पाले में गेंद डालते रहे।
शहरी ट्रैफिक इंचार्ज सुखबीर सिंह ने बताया कि ट्रैफिक लाइट को चालू करवाने के लिए वह कई बार नगर परिषद के अधिकारियों को पत्राचार कर चुके हैं, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिलता। ट्रैफिक पुलिस के जवान शहर में लगने वाले जाम को खुलवाने में पूरे दिन पसीना बहाते हैं, वाे भी किसी को नजर नहीं आता।