बांझपन के इलाज के लिए आशा की किरण है आईवीएफ: डॉ सीमा मित्तल

रेवाडी: सुनील चौहान। पूरे देश में 25 जुलाई को हम वर्ल्ड आईवीएफ डे मना रहे हैं आज विज्ञान में हुई नवीनतम खोजों ने हर विवाहित जोड़े के लिए बांझपन के इलाज को सरल कर दिया है दिन प्रतिदिन नई-नई खोजी आ रही है और उससे बाँझपन की समस्या का उपचार करने में नई कामयाबी हासिल हो रही है अमूमन 15% विवाहित जोड़ों को बांझपन की समस्या से रूबरू होना पड़ता है! डब्ल्यूएचओ के अनुसार चार में से एक दंपति को कहीं ना कहींसंतानउत्पत्ति में परेशानी का सामना करना पड़ता है और इसके साथ ही महिला में बहुत सारे भावनात्मक बदलाव आते हैं!इसके साथ ही सामाजिक बहिष्कार एक अन्य बड़ी समस्या है ! इसलिए ज्यादातर दपत्ति समस्या को दूसरों के साथ बाँटना भी नहीं चाहते!पूरे संसार में साइंटिस्ट इस विषय पर काम कर रहे हैं कि उन्हें ऐसा इलाज मिल सके ऐसा जिससे कि बांझपन पर विजय पाई जा सके और इसमें सबसे बड़ी खोजहुई लुइस ब्रायन का जन्म! ब्राउन का जन्म 25 जुलाई 1978 को इंग्लैंड में हुआ था वह फर्स्ट टेस्ट ट्यूब बेबी थी और उसी की याद में प्रतिवर्ष वर्ल्ड आईवीएफ डे मनाया जाता है!उनका जन्म एक बहुत ही बड़ी वैज्ञानिक कामयाबी थी तथा इसने बांझपन के इलाज में नए रास्ते खोल दिए हमारी आईवीएफ इलाज पद्धति से पिछले 42 सालों में 8 मिलियन से ज्यादा बच्चे पैदा हो चुके हैं!इसके लिए हर साल 25 जुलाई को वर्ल्ड आईवीएफ दिवस मनाया जाता है बाँझपन के कारणों पर यदि हम प्रकाश डालें तो मुख्यता इसमें स्त्री और पुरुष दोनों 50-50 प्रतिशत इस जिम्मेदार होते हैं!नलो कि बंद होना अभी तक आई वी एफ करने मुख्य कारण था है उसके अलावा हार्मोन खराबी या पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी भी उसका बहुत बड़ा कारण है एंडोमेट्रियोसिस आज की एक उभरती बीमारी है जो कि युवा लड़कियों को बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित कर रही है और आज बढ़ती हुई आपाधापी में दंपति अपने कैरियर के चक्कर में अपने गर्भाधान को लेट करते रहते हैं जो कि इसका मुख्य कारण है कुछ बताना चाहेंगे आप को भी क्या है टेस्ट ट्यूब बेबी! टेस्ट ट्यूब बेबी मेंवो सारा ट्रीटमेंट आता है जिसमें की अंडाणु और शुक्राणु या फिर भ्रूण को शरीर के बाहर हाथ से हैंडल करते हैं!महिला के अंडाणु को बाहर निकाला जाता है और उसके पति के शुक्राणु साथ लैब मे फर्टिलाइज किया जाता है!तथा महिला के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है! कभी-कभी कुछ महिलाओं में गर्भाशय नहीं होता ऐसी हालत में महिला के अंडाणु को लेकर और किसी अन्य महिला के गर्भाशय में प्रतिरोपित से किया जाता है जिसे सरोगेसी यानि किराये की कोख कहते हैं!आज हम जानकारी दे रहे हैं कुछ भ्रामक तथ्यों के बारे में जो कि आई वी एफ से जुड़े है मगर सच नहीं है!जैसे की क्या आई बीएफ बेबी अपने ही मां-बाप की संतान होता है?जी हां आई वेवी एफ बेबी अपने बायोलॉजिकल पेरेंट्स की संतान होता है! दूसरा क्या आईवी एफ प्रेगनेंसी हाई रिस्क प्रेगनेंसी होती है? ऐसा नहीं है यदि महिला की उम्र ज्यादा है या उसे डायबिटीज या कोई होर्मोनल प्रॉब्लम है तो यह आई वी एफ प्रेगनेंसी हाई रिस्क हो सकती है! अन्यथा यह सामान्य गर्भधारण की तरह होता है!
क्यामेरा बेबी दवाइयों का बेबी है? नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है जो भी दवाइयां दी जाती है वह हमारे शारीरिक संरचना के अनुसार दी जाती है और बच्चे में ऐसा कोई भी विकार या कमी नहीं होती !
बच्चों के खराब होने की संभावना अधिक होती है?
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है यह भी सामान्य होते हैं तथा स्वस्थ रहते हैं और जो समस्याएं सामान्य गर्भ धारण से पैदा बच्चों में भी होती है वो ही आती हैं! आईवीएफ प्रेगनेंसी आम तौर पर उन दंपतियों को होती है जो इलाज के लिए काफी समय दर-दर भटक चुके होते हैं जो और उनकी उम्र भी ज्यादा हो जाती है तो अक्सर इलाज करने वाला विशेषज्ञ बच्चों को ऑपरेशन के द्वारा पैदा करना चाहता है?
इसके अलावा क्या आईवीएफ से होने वाले बच्चे एक से अधिक हो सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है आईवीएफ से एक से अधिक बच्चे पैदा हो आजकल एक ही भ्रूण को गर्भाशय में डाला जाता है जिससे एक या दो ही बच्चे होते हैं उससे ज्यादा बच्चे नहीं होते?
क्या एक बार आईवीएफ होने के बाद हमेशा आई वी एफ ही होगा? ऐसा जरूरी नहीं है कई बार हार्मोन बैलेंस नहीं होते होता है वहां अपने आप गर्भधारण भी हो जाता है
आईवीएफ एक नवीनतम सुरक्षित पद्धति है जो महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई और महिलाओं के लिए जो गर्भधारण नहीं कर सकती हैं इसके अलावा जिन महिलाओं को गर्भाशय नहीं है केवल अंडाशय है वह भी सरोगेसी के द्वारा अपना बायोलॉजिकल बच्चा इस पद्धति से प्राप्त कर सकते हैं!जिन पुरुषों में शुक्राणुओं की बेहद कमी होती है वह भी इक्सी पद्धति के द्वारा स्वयं का शिशु प्राप्त कर सकते हैं!इस पद्धति के बारे में सही जानकारी बेहद आवश्यक है जानकारी से बचने के लिए आप अपने नजदीकी बांझपन विशेषज्ञ से मिलें नीमहकीमो द्वारा दी गई जानकारी आपको उचित अपचार से वंचित रख सकती है!