रेवाडी: देशभर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे को लेकर वैक्सीनेशन लगाने वालो की मांग बढ गई हैं इसी के चलते एक बार फिर वेक्सीनेशन सेंटरो पर भीड जूटने लगी है।
पिछले 3 माह से सुस्त पड़े वैक्सीनेशन अभियान ने फिर से रफ्तार पकड़ी है।
3 फीसदी अभी वैक्सीन से दूर: वाड़ी में अभी तक 97 प्रतिशत यानि 6 लाख 77 हजार 855 लोगों ने पहली डोज, जबकि 57 प्रतिशत यानि 4 लाख 2 हजार 568 लोग दोनों डोज लगवा चुके हैं। हाल ही में वैक्सीनेशन को लेकर रुचि दिखाने वाले लोगों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोग शामिल हैं, क्योंकि ज्यादातर बुजुर्ग पहले ही दोनों डोज से कवर हो चुके हैं। 10 दिन पहले तक चुनिंदा जगह ही वैक्सीन सेंटर बनाए गए थे, लेकिन अब फिर से 20 से ज्यादा वैक्सीनेशन सेंटर चालू किए गए हैं। गांवों में भी टीमें भेजकर लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है, ताकि ओमिक्रॉन के खतरे को कम किया जा सके।
दूसरी डोज का अंतर काफी ज्यादा:
अगस्त और सितंबर माह में रेवाड़ी में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया था, जिसमें बड़ी आबादी को पहली डोज से कवर किया गया था। उसके बाद दूसरी डोज का समय पूरा होने के बाद भी बहुत से लोग डोज लगवाने नहीं पहुंचे, जिसकी वजह से धीरे-धीरे वैक्सीनेशन अभियान धीमा पड़ गया। दूसरी डोज का अंतर काफी ज्यादा है। स्वास्थ्य विभाग ने अगले कुछ दिनों का प्लान तैयार किया है, जिसके तहत उन लोगों को प्रेरित किया जा रहा है, जिनकी दूसरी डोज काफी लंबे समय से ड्यू चल रही है। ऐसे लोगों को फिर से फोन पर मैसेज भेजने के साथ ही गांवों में भी वैक्सीनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं।