बगैर नक्शा और फायर एनओसी के धारूहेडा, रेवाडी व बावल में बन रही बहुमंजिला इमारते, महज एक पर हुई कार्रवाई

रेवाड़ी: सुनील चौहान।  नपा ​अधिकारी की अनदेखी के चलते जिले में कई प्रतिष्ठान बिना नक्शे व एनओसी के बनकर तैयार हो गए है।  सबसे अहम बात तो यह है नपा अधिकारियों को सबकुछ पता होने के बावजूद चुप्पी साधी हुई है। शहर के सर्कुलर रोड, बावल रोड, गढ़ी बोलनी रोड, झज्जर रोड व नारनौल रोड पर बिल्डिंग कोड तो भूल जाइये बगैर नक्शों के ही बहुमंजिला व्यवसायिक भवन बनकर तैयार हो गए। इनमें अस्पताल से लेकर कई शोरूम व अन्य प्रतिष्ठान चल रहे हैं।
नगर परिषद अधिकारी खुद मानते हैं कि शहर के अंदर 50 से अधिक ऐसे व्यवसायिक भवन चिह्नित किए जा चुुके हैं, जिनके नक्शे पास तक नहीं हुए और बहुमंजिला इमारतें बन गईं। शुक्रवार को शहर के गढ़ी बोलनी रोड पर सीएम विंडो पर शिकायत के आधार पर बगैर नक्शा पास कराए ही अस्पताल के निर्माण को रुकवाकर नगर परिषद की ओर से सीलिंग की कार्रवाई की गई है। लेकिन सवाल है यह कार्रवाई महज दिखावा है या अन्य लोगों के खिलाफ भी इस तरह की कार्रवाई हो पाएगी। क्योंकि नप की ओर से निर्धारित क्षेत्र से ज्यादा में निर्माण की बात कही जा रही है। लेकिन शहर में इक्का-दुक्का व्यवसायिक भवनों को छोड़ दिया जाए तो बिल्डिंग कोड का पालन कम ही हो रहा है। लोगों का कहना है कि बगैर नगर परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से बगैर नक्शा पास किए निर्माण नहीं किया जा सकता है।

जिले में 129 ऐसे भवन जिनके पास फायर एनओसी नहीं:
जानकारी के अनुसार बिल्डिंग कोड के तहत किसी भी व्यवसायिक भवन में पार्किंग, आग लगने की स्थिति में गाड़ी जाने की जगह छोड़ना जरूरी होता है। लेकिन 129 से अधिक भवनों के पास फायर एनओसी तक नहीं है। जबकि इन भवनों में से कई अस्पताल हैं। शहर में 3-4 अस्पतालों को छोड़कर किसी के पास भी एनओसी नहीं है। ऐसे में सवाल है कि आग लगने की स्थिति में होने वाले हादसे की जिम्मेदारी कौन लेगा, या फिर हादसा होने के बाद कुछ दिन शोर होने तक सब कुछ सिमट कर रह जाएगा।
बेसमेंट में चल रहीं व्यावसायिक गतिविधियां
बिल्डिंग कोड के तहत बेसमेंट में कुछ निर्धारित गतिविधियां ही की जा सकती हैं। जैसे की सामान रखने या फिर लॉन्डरी आदि के कार्य करना। लेकिन शहर के सर्कुलर रोड पर स्थित कई भवनों के बेसमेंट में अस्पताल तक चल रहे हैं। लेकिन नगर परिषद अधिकारियों के पास निगरानी के नाम पर कुछ नहीं है।
पार्किंग के अभाव में पूरा दिन रहती है जाम की स्थिति
शहर के लाइफ-लाइन कहे जाने वाले सर्कुलर रोड पर पूरा दिन जाम की स्थिति रहती है। इसका बड़ा कारण व्यावसायिक भवनों पास पार्किंग का नहीं होना है। वहीं नगर परिषद की ओर से भी सार्वजनिक पार्किंग नहीं बनाई गई है। एक बार जरूर 6 पार्किंग स्थानों के लिए टेंडर छोड़ा गया था, लेकिन बाद में वह भी ठंडे बस्ते में चला गया। सर्कुलर रोड पर भवनों में पार्किंग नहीं होने के चलते वाहन चालक सड़कों पर ही अपनी गाड़ियां खड़ी कर चले जाते हैं। इसके चलते धारूहेड़ा चुंगी के पास आजाद चौक तक पूरा दिन जाम की स्थिति रही है। ऐसा ही हाल आंबेडकर चौक व बस स्टैंड का भी है। ऐसे में सवाल है नगर परिषद अधिकारी कर क्या रहे हैं।
सीलिंग की कार्रवाई:
नगर परिषद की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि अवैध निर्माण को लेकर नगर परिषद सचिव प्रवीण कुमार, पालिक अभियंता अजय सिक्का व भवन निरीक्षक नवल किशोर की ओर से गढ़ी बोलनी रोड पर उगन्ता पत्नी डॉ. रघुवीर सिंह को अवैध निर्माण के चलते 28 जून 2021 को एमसी एक्ट के तहत 208 के तहत नोटिस जारी किया गया था। जवाब नहीं मिलने पर एक्ट की धारा 208ए के तहत 8 जुलाई को दोबारा नोटिस जारी किया गया। भवन मालिक कोर्ट में गए और वहां से निर्माण तोड़ने पर रोक लगा दी गई। कोरोना के चलते 31 अगस्त तक निर्माण गिराने पर रोक है। इसके बाद कार्यकारी अधिकारी ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए शुक्रवार को भवन सील कर दिया।
नप की ईओ सुमनलता ने कहा कि शहर में बगैर नक्शा पास हुए बने 40-50 व्यावसायिक भवनों को चिह्नित किया जा चुका है। जल्द ही इनको भी सील करने की कार्रवाई की जाएगी। हुडा की जमीन व नगर परिषद की जमीन मिलाकर निर्माण किया जा रहा था। अभी तक व्यावसायिक नक्शा भी पास नहीं हुआ था। सीएम विंडो पर शिकायत के बाद कार्रवाई की गई है। लेकिन इस तरह के सभी भवनों को चिह्नित कर कार्रवाई करवाने के आदेश दे दिए गए हैं। शहरवासियों की सुरक्षा को देेखते हुए इस तरह के सभी भवनों को सील किया जाएगा।
डीएमसी रेवाड़ी दिनेश यादव ने कहा कि रेवाड़ी, बावल व धारूहेड़ा नगर पालिका क्षेत्र में नक्शा पास कराए बगैर निर्माण करने वालों के भवनों को तोड़ा जा सकता है। लोगों की सुरक्षा केे देखते हुए बिल्डिंग कोड के तहत ही निर्माण किया जा सकता है। फायर एनओसी आदि की भी जांच कराई जाएगी।