रेवाडी: सुनील चौहान। डेंगू के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण करने के लिए सोमवार को जिलेभर में ड्राई डे मनाया गया। जिले में पहली बार बड़े स्तर पर इस तरह का अभियान चलाया गया। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक हजार से ज्यादा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम को इस कार्य के लिए शहर व गांव में घरों में जाकर कूलर या अन्य जगह भरे पानी की जांच के लिए लगाया गया।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने जिलेभर में 1 लाख 84 हजार 956 जगह पर जांच अभियान चलाया। जिसमें 1282 जगहों पर डेंगू फैलाने वाले मच्छर के लार्वा मिले। विभाग की टीमों ने इस दौरान लापरवाही बरतने वाले 1152 लोगों को नोटिस भी थमाए।
अब तक आ चुके 11 मामले
बारिश का मौसम थमने के बाद अब डेंगू धीरे-धीरे जिले को गिरफ्त में लेने लगा है। अगस्त माह में जहां एक ही कंफर्म केस था, वहीं सितंबर में 10 मामले आ चुके हैं। इस बार बरसात के बाद शहर और गांवों में जलभराव भी समस्या बन रहा है। साथ लगते पड़ोसी जिलों में भी डेंगू कहर मचा रहा है। प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू के संदिग्ध मरीजों का इलाज चल रहा है।
यहां जांच किए लार्वा
कूलर, टंकियों, हौदी, गमलों, सार्वजनिक गड्ढ़े, जलभराव, टूटे बर्तन और टायर आदि में भरे पानी की जांच की गई। टीम ने इनके पानी को बाहर भी फैंका। साथ ही साफ-सफाई रखने के लिए भी कहा।
ठहरे पानी में देते हैं एडीज मच्छर अंडे
डॉ. विजय का कहना है कि डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर ठहरे पानी में अंडे देते हैं। अंडा देने के बाद 7 दिन के दौरान लार्वा और 9 दिन में मच्छर बन उड़ जाते हैं। ऐसे में समय पर साफ-सफाई कर एक दिन सूखा छोड़ा जाए तो लार्वा पनप नहीं पाएंगे। इसलिए सात दिन से पहले ही पानी को बदल देना चाहिए।
कहीं पर हौदी में पानी भरा है तो उसकी भी समय पर सफाई कर देनी चाहिए। पानी की टंकियों के ओवरफ्लो पर कपड़ा बांध दें, ताकि मच्छर अंदर नहीं जा सके। चिड़ियों के लिए रखे जाने वाले पानी को अल्टरनेट डे ही बदल दें और अच्छी तरह साफ कर ताजा पानी भरें।
डेंगू को लेकर सावधानी बरतनी जरूरी:
डेंगू को लेकर सावधानी बरतनी जरूरी है। क्योंकि डेंगू के संदिग्ध पीड़ित को पहले तीन दिन बुखार होता है। यह बहुत ही क्रिटिकल समय होता है। इसमें मल्टी आर्गन भी फेल हो सकते हैं। इस अवधि में बुखार ठीक हो रहा है तो ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इस दौरान खान-पान जारी रखें। अपना बीपी और प्लस जांच कराएं और कोई भी समस्या होती है तो विशेषज्ञ को दिखाकर उचित इलाज कराएं।
अगर प्लेटलेट्स कम हो रही है तो यह भी जांच कराएं। सिविल अस्पताल में डेंगू के एनएस-वन और एलाइजा टेस्ट भी हो रहे हैं। इसके अलावा घरों व अन्य जगह लार्वा जांच का भी कार्य चल रहा है। प्राइवेट अस्पताल के संचालकों को भी उनके अस्पताल में आने वाले संदिग्ध या कंफर्म सभी मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देने के निर्देश जारी किए हुए हैं। डेंगू के टेस्ट के लिए भी दर निर्धारित की गई है।
– डाॅ. विजयप्रकाश, डिप्टी सिविल सर्जन, जिला नोडल अधिकारी।