रेवाडी: सुनील चौहान। रेलवे स्टेशन पर रेल सेवाएं धीरे-धीरे बहाल हो रही हैं। तकरीबन रूटों पर ट्रेन दौड़नी शुरू हो गई है। हालांकि अभी किसी भी पैसेंजर ट्रेन में भी एक्सप्रेस का ही किराया देना पड़ रहा है। किराये की यह मार सिर्फ ट्रेन के अंदर सफर की नहीं है, बल्कि प्लेटफार्म पर जाने के लिए भी आपको अधिक चार्ज देना होगा।
रेलवे द्वारा प्लेटफार्म टिकट 30 रुपए की कर दी गई है। यह टिकट कोरोना काल से पहले दिल्ली के किराये भी महंगी है। पहले 25 रुपए में दिल्ली का सफर कर सकते थे, अब इतने में किसी परिचित को ट्रेन में बैठाने के लिए प्लेटफार्म पर भी नहीं जा सकते।
रेवाड़ी स्टेशन से किसी भी रूट पर सबसे नजदीकी स्टेशन तक सफर करेंगे तो न्यूनतम किराया भी 30 रुपए ही देना पड़ रहा है। पहले प्लेटफार्म टिकट का चार्ज अधिक और नजदीकी स्टेशन का कम होने पर लोग नजदीकी स्टेशन का ही टिकट ले लेते थे। बता दें कि पैसेंजर में एक्सप्रेस के किराये को लेकर तर्क है कि अधिक भीड़ को रोकने के लिए ये निर्णय लिया गया है।
जेटीबीएस भी फिर से शुरू:
कोरोना काल में ट्रेनें बंद हुई तो जर्नी टिकट बुकिंग सिस्टम (जेटीबीएस) काउंटर भी बंद कर दिए गए थे। इन काउंटर पर प्रति टिकट 2 रुपए का अधिक कमिशन देना पड़ता है, जिन्हें रेलवे ने ही यात्रियों की सहूलियत के लिए अधिकृत किए हुए हैं।
दरअसल भीड़ होने पर रेलवे टिकट घर में कतार में लगकर टिकट का काफी समय बाद नंबर आता है। जबकि जेटी बीएस काउंटर पर अधिक भीड़ नहीं रहती। जेटी बीएस संचालकों ने बताया कि रेलवे के आदेश के बाद ये काउंटर इसी सप्ताह से दोबारा शुरू कर दिए गए हैं।
मासिक पास का भी इंतजार:
अभी दैनिक यात्रियों के लिए भी पास की सुविधा शुरू नहीं हो पाई है। यात्रियों को हर रोज टिकट लेकर सफर करना पड़ रहा है। जबकि नौकरी पेशा लोग पहले मासिक पास (एमएसटी) बनवाकर रियायती दरों पर सफर कर रहे थे। यात्री लगातार एमएसटी शुरू करने की मांग कर रहे हैं।