राजस्थान: सुनील चौहान। नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर टोल नीति में बदलाव की बात कहते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगले 2 साल में GPS सिस्टम से टोल के भुगतान की व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसमें एक सॉफ्टवेयर तैयार कर सैटेलाइट और GPS से कनेक्ट किया जाएगा। इसके बाद जो भी वाहन हाईवे पर जितने भी किलोमीटर चलेगा, उसे उतना ही टोल देना होगा। वे 90 हजार करोड़ रुपए की लागत से बन रहे दिल्ली-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करने दौसा के धनावड़ गांव आए थे। उन्होंने कहा कि नए हॉर्न पैटर्न पर काम शुरू हो गया है। आपको सड़कों पर दौड़ती एंबुलेंस में तबला, हारमोनियम और शंख की आवाज वाले हॉर्न सुनाई देंगे।
गडकरी ने आगे कहा कि रणथंभौर व मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से निकलने वाले एक्सप्रेस-वे के हिस्से को एक एलिवेटेड कॉरिडोर की तरह बनाकर निकाला जाएगा, ताकि सेंचुरी में रहने वाले जीव-जंतुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।
GPS सिस्टम से होगा टोल भुगतान
नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर टोल नीति में बदलाव की बात कहते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगले 2 साल में GPS सिस्टम से टोल के भुगतान की व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसमें एक सॉफ्टवेयर तैयार कर सैटेलाइट और GPS से कनेक्ट किया जाएगा। इसके बाद जो भी वाहन हाईवे पर जितने भी किलोमीटर चलेगा, उसे उतना ही टोल देना होगा। इस कार्यक्रम में गडकरी के साथ सांसद जसकौर मीणा, राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, बांदीकुई विधायक जीआर खटाना समेत NHAI के अधिकारी मौजूद थे।
किसान जमीन नहीं बेचें, स्वयं का बिजनेस शुरू करें
नेताओं पर चुटकी लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे बनने की भनक लगते ही नेताओं व बड़े लोगों द्वारा हाईवे के आसपास कौड़ियों के भाव जमीन खरीद ली जाती है। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में किसान भाइयों से अपील करता हूं कि कोई भी अपनी जमीन को किसी बिल्डर या अन्य किसी को नहीं बेचें, बल्कि किसी डेवलपर के साथ मिलकर अपना बिजनेस शुरू करें, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके।
1350 किमी है हाईवे की लंबाई
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे भारत माला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। इसके जरिए इन दो बड़े शहरों को जोड़ा जाएगा। यह हाईवे 1350 किमी लंबा होगा। इसे बनाने में 90 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट को जनवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह हाईवे देश के 5 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरेगा।