कोरोना से एक दिन में 5 मौतः एक ओर कोरोना की मार, दूसरी ओर आक्सीजन किल्लत रेवाडी में बनी परेशानी

  • * भिवाडी से आक्सीजन गैस आपूर्ति बंद, मानेसर मिल रहे महज 100 सिलेंडर, ऐसे कैसे चलेगा काम                                                                                                                                                                                * *147 दिन बाद कोरोना वायरस केस 100 पार, एक ही दिन में 115 पॉजिटिव मिले

अस्पताल में भर्ती कोरोना पीड़ितों की जान की सलामती के लिए लोग प्रशासन से ऑक्सीजन की सुचारू व्यवस्था के लिए मिन्नतें कर रहे हैं, मगर प्रशासन के अभी तक के प्रयास फेल नजर आ रहे हैं। पहले राजस्थान के भिवाड़ी प्लांट ने ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी। अब मानेसर प्लांट से भी रेवाड़ी के अस्पतालों की जरूरत की ऑक्सीजन उपलब्ध करा पाने में फिलहाल असमर्थता जता दी है। जबकि प्रशासन ने एक ही दिन पहले मानेसर प्लांट से ऑक्सीजन मिलने की बात कहकर वाहवाही बटौरी थी। अब फिर से पानीपत प्लांट से ही उम्मीद है। हालांकि इस बारे में भी अभी किसी जिम्मेदार के पास कोई सुनिश्चित करने वाला जवाब नहीं है।

 अपनों को अंतिम दर्शन तक नहीं: 

कोविड-19 के कहर ने 24 घंटे के दौरान 5 लोगों की जिंदगी छीन ली। इसमें धारूहेड़ा क्षेत्र के गांव महेश्वरी स्थित प्रयाग स्कूल के संचालक डॉ. सूर्यकमल ने भी दम तोड़ दिया। इसके अलावा शक्तिनगर निवासी एक 42 वर्षीय महिला, एक वकील व दिल्ली के एक 81 वर्षीय बुजुर्ग सहित अन्य 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई है। इनके साथ ही मृतकों की संख्या 83 पहुंच गई। कोविड प्रोटोकॉल के तहत नगर परिषद की टीम ने ही इनके अंतिम संस्कार किए हैं। अपनों का कंधा नसीब होना तो दूरे, उन्हें अंतिम दर्शन तक नहीं कराए जा सकते।

सरकार से गुहार! ऑक्सीजन दे दो, इस समय यही लाइफ लाइन

मंगलवार को अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती मरीजों के परिजनों को कह दिया कि ऑक्सीजन की कमी है, यदि ऑक्सीजन खत्म हो जाती है तो उनके पास इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। अपनों के लिए जीवनरक्षक ऑक्सीजन मांगने खुद कोविड मरीजों के परिजन सिविल सर्जन कार्यालय और सचिवालय पहुंचे। रेवाड़ी में ही रह रही बिहार की रहने वाली नीलू भारती भी आंखों में आंसू लिए निजी अस्पताल में भर्ती अपने पति के लिए ऑक्सीजन मांगने पहुंची थी। नीलू भारती ने बताया कि 5 दिन से उनके पति अस्पताल में भर्ती हैं, उनका स्वास्थ्य अब स्थिर है, मगर ऑक्सीजन नहीं मिली तो कहीं तबीयत बिगड़ न जाए।

7 दिन में 100 सिलेंडर देंगे, चाहिए रोज  600

अस्पताल संचालकों के अनुसार ऑक्सीजन की डिमांड अचानक ही कई गुना बढ़ गई है। 3-4 दिन पहले तक 200 सिलेंडर ऑक्सीजन की खपत रोज हो रही थी। जो कि अब  600 सिलेंडर पर पहुंच गई है। डॉ. विराटवीर ने बताया कि उनके पास सबसे अधिक 45 कोविड मरीज भर्ती हैं। सिर्फ उन्हीं अस्पताल के लिए अब रोज 100 से ज्यादा सिलेंडर चाहिए। वहीं मानेसर प्रतिनिधियों की ओर से कहा जा रहा है कि अभी सप्ताहभर में 100 ही सिलेंडर रेवाड़ी को दे सकते हैं। जबकि चाहिए करीब 600 सिलेंडर। ऐसे में अब प्रशासन पानीपत की ओर निहार रहा है। हालांकि देर शाम तक कई जिम्मेदार अधिकारियों के फोन नंबर भी अब पहुंच से बाहर हो रहे हैं, जो कि संकट के समय में चिंताजनक है।

 गुड़गांव व जयपुर में भर्ती से इंकार किया

डॉ. सूर्यकमल के ही कुछ नजदीकी लोगों ने बताया कि उन्हें इलाज के लिए पहले गुड़गांव के एक बड़े निजी अस्पताल में ले जाया गया था, मगर वहां बेड फुल होने के चलते भर्ती नहीं किए जा सके। इसके बाद उन्हें जयपुर ले जाया गया, वहां भी राजस्थान के मरीजों को तवज्जो दी जा रही थी। इसलिए उन्हें रेवाड़ी के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बीती देर रात उनका निधन हो गया।