सरकारी कालेज की जमीन को वापिस लिए जाने का आदेश न्यायसंगत नही
रेवाड़ी: सुनील चौहान। : हरियाणा शहरी विकास प्रधिकरण की ओर से लडक़ों के लिए बनाए जाने वाले सरकारी कालेज की जमींंन को वापिस लिए जाने का आदेश किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है। जबकि इसे बनाए जाने की घोषणा वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने रेवाड़ी में आयोजित जनसभा में की थी।
ये उद्गार व्यक्त करते हुए भाजपा के तत्कालीन विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास ने कहा कि क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों व अन्य लोग मिलकर मेरे कार्यकाल में इस कॉलेज को बनाए जाने की मांग लगातार कर रहे थे। जिसकी पैरवी करते हुए हमने यह मांग सरकार से मनवाई थी तथा वर्ष 2019 में हरियाणा विकास शहरी प्रधिकरण ने यहां के सेक्टर 20 में 5.32 एकड़ जमीन इसके लिए आबंटित कर दी थी। जबकि इससे पहले वर्ष 2017 में अस्थाई भवन में इसकी कक्षाएं भी शुरू की जा चुकी है। लेकिन अब प्रधिकरण द्वारा जमींन को वापिस लेने का आदेश पूरी तरह तर्कविहीन व कानून विरोधी है। इसके लिए क्षेत्र के लोग न्यायलय की शरण भी ले सकते हैं।
कापड़ीवास ने कहा कि यह फैसला हमारे क्षेत्र के कमजोर नेतृत्व के कारण लिया गया है तथा इसके लिए उन्होंने यहां के सांसद इंद्रजीत सिंह को जिम्मेवार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आज रेवाड़ी की हालत यह हो गई है कि सरकार में बैठे लोग क्षेत्र के हकों की पैरवी करना तो दूर जो काम मैंने अपने कार्यकाल में शुरू कराए थे, उन्हें पूरा भी नहीं करा पा रहे हैं। ऐसा लगने लगा है कि यह इलाका नेतृत्व विहीन हो गया है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि हमने अपने कार्यकाल में रेवाड़ी के बाजारों को बिजली की तारों से मुक्त कराने व पोल रहित बनाने का कार्य मंजूर कराया था तथा इसी के साथ बाजार में जमा होने वाले बारिश के पानी की निकासी का भी प्रावधान था। ट्रोमा सेंटर व अस्पताल के बीच फुटओवर ब्रिज भी मंजूर कराया था। जिनमें से अधिकांश योजनाओं के लिए सरकार ने पैसा भी अबंटित कर दिया था। रेवाड़ी का रखवाला कोई नहीं होने के कारण अभी तक यह कार्य अधूरे पड़े हैं।
कापड़ीवास ने आगे कहा कि इंद्रजीत सिंह जनता की ताकत को शहीदी दिवस पर झोंकने की बजाए क्षेत्र के विकास पर लगाए तो लोगों में उनके प्रति विश्वास बढ़ेगा। हमारे द्वारा शुरू किए कामों का श्रेय भी वह ले ले तो हमें एतराज नहीं। हर समय राजनीति कर दूसरों को अपने से छोटा दिखाने का उनका प्रयास से इलाके का भला नहीं होगा। इसी के साथ उन्होंने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हमारे कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने सबका साथ सबका विकास के अपने नारे को बुलंद करते हुए बिना भेदभाव के विकास तथा नौकरियां देने का कार्य किया था जो अब इस कार्यकाल में दूर तक नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि सरकारें तो आती जाती हैं लेकिन लोगों के कार्य याद रह जाते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया कि वे अपनी शैली को आगे बढ़ाए। इससे ही क्षेत्र एवं प्रदेश का भला होगा।