हरियाणा / गुजरात: सुनील चौहान। खेती को आधुनिकता को लेकर इफको ने अब नैनो यूरिया तरल विकसित किया है। खास बात रहेगी कि किसानों को अब खेत में 45 किलोग्राम का बैग लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए नैनो यूरिया तरल की 500 एमएल शीशी ही पर्याप्त रहेगी। आत्मनिर्भर भारत व आत्मनिर्भर कृषि की तर्ज पर स्वदेशी तकनीक के जरिए गुजरात के कलोल स्थित इफको नैनो जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र (एनबीआरसी) में यह बनाया है।
इफको के क्षेत्रीय अधिकारी आशिष पंवार ने किसानों से ऑनलाइन वेबिनार में कहा कि नैनो यूरिया की 500 एमएल की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग को प्रतिस्थापित करेगी। पोषक तत्वों के बेहतर उपयोग तथा मृदा, जल व वायु प्रदूषण कम करने में सक्षम होने से यह पौधों के पोषण के लिए टिकाऊ समाधान है। केवीके रामपुरा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि किसानों को नैनो यूरिया के इस्तेमाल करने के तरीके बारे बताने के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग भी कराई जा रही है। इसमें उनको इसके गुण भी बताए जा रहे हैं।
पर्यावरण व गुणवत्ता के के लिहाज से भी बेहतरर:
क्षेत्रीय अधिकारी के अनुसार इससे जमीन में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी। जबकि, यूरिया के अधिक प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित होता है। मृदा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। पौधों में बीमारी व कीट का खतरा भी बढ़ जाता है। फसल की गुणवत्ता में भी कमी आती है। नैनो यूरिया तरल फसलों को मजबूत व स्वस्थ बनाता है।
फसलों को गिरने से बचाता है। नैनो यूरिया किसानों के लिए सस्ता है। आय बढ़ाने में प्रभावकारी होगा। इफको नैनो यूरिया तरल की 500 मिलीलीटर की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग के बराबर होगी। नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है, जिससे स्वाभाविक है कि परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी। विभिन्न जगह किए परीक्षण के आधार पर ही इसे शामिल किया है।
कीमत भी कम:
क्षेत्रीय अधिकारी के अनुसार नैनो यूरिया तरल को सामान्य यूरिया के प्रयोग में कम से कम 50 प्रतिशत कमी लाने के उद्देश्य से तैयार किया है। 500 एमएल की एक बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होगी। यह सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व देगा। उत्पादन इसी माह से होगी:
500 एमएल नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240 रुपए निर्धारित की है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10% कम है। ये उत्पाद इफको के ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के अलावा सहकारी बिक्री केंद्रों और अन्य विपणन माध्यमों से किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे।