रेवाड़ी वासियो की बल्ले बल्ले, 50 करोड की लागत से बनेगा वाटर टैंक, नही रहेगी पानी कि किल्लत

WATER TANK
रेवाड़ी: गर्मी के समय रेवाडी में पानी की किल्लत आम हो चुकी है। स्टोरेज के अभाव में पानी आपूर्ति की समस्या कई सालो से गंभीर होती जा रही है। लंबे समय से चली आ रही पानी की राशनिंग से शहरवासियों को अब छुटकारा मिलने की उम्मीद जगी है।Rewari Dharuhera नपा सचिव कोर्ट ने किया तलब शहर से सटे गांव भगवानपुर की पंचायत ने जनस्वास्थ्य विभाग को 10 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव पास कर दिया है। गांव भगवानपुर में वाटर टैंक के लिए जमीन की मिल गई है। करीब 50 करोड की लागत से वाटर टेंक बनाया जाएगा। शहर सिंचाई के लिए ही नहीं पेयजल के लिए भी पूरी तरह जवाहर लाल नेहरू कैनाल से आने वाले यमुना के पानी पर निर्भर है। नहरी पानी का शोधन कर सप्लाई के लिए रेवाड़ी के कालका गांव में 5 वाटर टैंक व लिसाना में तीन वाटर टैंक बनाए गए हैं। मौजूदा समय में इन्हीं 8 वाटर टैंक से रेवाड़ी शहर की पौने तीन लाख से अधिक की आबादी को पेयजल आपूर्ति की जाती है।Dharuhera: 6942 बकायेदारों ने बिजली निगम को दिया 670 करोड़ रुपये का “झटका” नहरी पानी का पूरी तरह से भंडारण ना हो पाने से रेवाड़ी शहर के लोगों को एक दिन छोड़कर एक दिन पेयजल की सप्लाई की जाती है। गर्मी में तो यह समस्या ओर भी गंभीर हो जाती है। वांटर टैंक बनने से पानी की किल्लत खत्म हो जाएगी।
इतने स्टेशनों से होती है पानी सप्लाई
शहर में नहरी परियोजना पर आधारित पेयजल सप्लाई है। यहां नहर के पानी को कालाका व लिसाना में बने जलघरों में एकत्रित किया जाता है। इसके बाद वहां से धारूहेड़ा चुंगी और नगर परिषद में बने टैंक के माध्यम से शहर की कॉलोनियों में पानी सप्लाई छोड़ा जाता है। शहर में पानी के लिए 20 जगह बूस्टिंग स्टेशन बनाए हुए हैं।Haryana में चलेगी ठंडी हवा और बढ़ेगी ठिठुरन, जानें मौसम का हाल ? यहां बनेगा वाटर टेंक: शहर से सटे गांव भगवानपुर की पंचायत ने जनस्वास्थ्य विभाग को 10 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव पास कर दिया है। गांव भगवानपुर में वाटर टैंक के लिए जमीन की मांग पंचायत से की गई। वहीं, अब जन स्वास्थ्य विभाग फाइल तैयार कर मुख्यालय मंजूरी के लिए भेजेगा। विनय चौहान, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग रेवाड़ी।