योजना के लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्यरेवाड़ी: किसानों की आय को दोगुना करने व फसल विविधिकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बागवानी बीमा योजना चलाई जा रही है। यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर फसल लागत की भरपाई करने में कारगर साबित होगी।
डीसी यशेन्द्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा चलाई गई बागवानी बीमा योजना, बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है। उन्होंने कहा कि बागवानी किसानों को विभिन्न कारणों से भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। फसलों में बीमारी लगने, असमय वर्षा, तूफान, सूखा और तापमान बढऩे जैसी आपदाओं से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब इस योजना के तहत सब्जियों, फल और मसाले की फसलों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
डीसी ने बताया कि इस योजना के तहत फसलों जिनमें सब्जियों में टमाटर, प्याज, आलू, फूल गोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, व मूली वहीं फलों की फसलों में आम, किन्नू, बेर व अमरुद सहित मसालों में हल्दी व लहसुन की फसलों को योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है। इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30000 रुपये प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर 1000 प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान 40000 रुपये प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत बीमा दावे का निपटारा करने के लिए सर्वे किया जाएगा जिसके तहत फसल नुकसान को चार श्रेणियों-25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत, 75 और 100 प्रतिशत-में आंका जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। जिला में इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्यदिवस में जिला बागवानी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
स्वास्थ्य बालक-बालिका स्पर्धा 8 से 14 तक
रेवाडी: महिला एवं विकास विभाग द्वार आगामी 8 जनवरी से 14 जनवरी 2022 तक स्वास्थ्य बालक-बालिका स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत जिला के 0-6 वर्ष तक के सभी बच्चों की लंबाई व वजन से संबंधित डाटा पोषण ट्रैकर पर अपलोड किया जाएगा।
डीसी यशेन्द्र सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर क्रियान्वित की जा रही इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य बालक-बालिका प्रतियोगिता के तहत आंगनवाड़ी वर्कर द्वारा ग्रामीण इलाकों में बालक-बालिकाओं का माप-तोल करके पोषण ट्रैक एप पर दर्ज करना है। शहर क्षेत्र में आंगनवाड़ी वर्कर द्वारा तथा जहां पर आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है वहां अभिभावक स्वयं अपने बच्चों का माप-तोल लेकर एप पर दर्ज कर सकते है व बाकी के लिए एनजीओ, लायंस कलब, रोटरी क्लब, रैडक्रास जिला बाल कल्याण अधिकारी, रेवाड़ी, माप-तोल नॉन आईसीडीएस एरिया में किया जाना है।