Expressway: नितिन गडकरी ने बताया कि यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-NCR में चल रहे 1.20 लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का हिस्सा है, जिनमें से आधा काम पहले ही पूरा हो चुका है। सरकार आने वाले समय में इस क्षेत्र में 40 से 50 हजार करोड़ रुपये और निवेश करने की योजना बना रही है।Expressway
दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सीधे दिल्ली पहुंचने के लिए 30 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की पहल गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा के प्रयासों से हुई थी, जिसे अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का भी समर्थन मिल गया है।Expressway
जानिए कहां से गुजरेगा ये हाईवे: यह एक्सप्रेसवे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर बनेगा और यमुना नदी पार कर पुस्ता रोड के जरिए दिल्ली से जुड़ेगा। इससे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ते हुए दिल्ली के ट्रैफिक पर दबाव कम होगा और यात्रा आसान हो जाएगी।
गडकरी ने हाल ही में जेवर एयरपोर्ट के दौरे पर इस एक्सप्रेसवे के लिए फंडिंग देने की घोषणा की। वर्तमान में जेवर से दिल्ली पहुंचने में करीब दो घंटे लगते हैं, लेकिन नए एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी मात्र 30 मिनट में पूरी हो सकेगी।
यह प्रोजेक्ट विशेष रूप से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यूपी सरकार के अनुसार, एयरपोर्ट का संचालन 2025 के अंत तक शुरू होने की संभावना है, जिसके बाद इस एक्सप्रेसवे की जरूरत और बढ़ जाएगी।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने फंडिंग को लेकर बैठक की है और इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को सौंपने का सुझाव दिया है ताकि वित्तीय प्रबंधन और कार्य गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
यह नया एक्सप्रेसवे दिल्ली-NCR में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने और जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को मजबूत करने में गेमचेंजर साबित होगा।
12 लोगो को मिलेगी राहत: बतर दे इस फिलहाल नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से रोजाना करीब 5 लाख वाहन गुजरते हैं, जिनमें से लगभग 2 लाख वाहन डीएनडी से होकर निकलते हैं। चिल्ला बॉर्डर, कालिंदी कुंज, सेक्टर 15, 16, 18 और 37 जैसे इलाकों में ट्रैफिक जाम आम बात है। नया एक्सप्रेसवे इन वाहनों को बायपास करते हुए सीधे जेवर एयरपोर्ट तक मार्ग प्रदान करेगा, जिससे यातायात का दबाव काफी घटेगा।
















