जयपुर: भले ही सरकार परीक्षा को लेकर कितने ही सुरक्षा इंतजाम कर ले। लेकिन भ्रष्टाचार के चलते पेपर लिक करना आजकल एक खेल बन चुका है। हरियाणा हो या राजस्थान कहीं न कहीं लोग अपनी सेटिंग से पेपर लीक करने मे सफलता हालिस कर ही लेते है।Rewari Crime: मंदिर में सेंध, उठा ले गए दान पात्र
अब इन दिन होगी परीक्षा: सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर शनिवार को शुरू होने से पहले ही लीक हो गया। पेपर लीक होने की खबर मिलते ही सुबह नौ बजे एग्जाम कैंसिल कर दिया गया । करीब 4 लाख अभ्यर्थियों को सामान्य ज्ञान (GK) की परीक्षा देनी थी। परीक्षा केंसिल होने के चलते अब ये परीक्षा 29 जनवरी को होगी
यहां से जुडे है तार: पुलिस ने बताया उदयपुर में चलती बस में पेपर सॉल्व करते हुए 40 स्टूडेंट्स को पकड़ा गया। । पेपर लीक के तार जालोर के सांचौर से जुड़े हैं। जयपुर से पेपर जालोर पहुंचा और पेपर लीक गिरोह के सदस्य बस में पेपर सॉल्व कराते हुए अभ्यर्थियों को उदयपुर लेकर गए।
Rajasthan Paper leak news : इसी बीच उदयपुर से सिरोही आते समय रास्ते में सिरोही में एक चाय की दुकान पर बस रुकती है। यहां 40 चाय का ऑर्डर दिया जाता है। अब पुलिस को ये बात कंफर्म हो गई कि सभी 40 लोग एक ही दल में है तभी 40 चाय का एक साथ ऑर्डर दिया गया है। इससे पहले बस को एस्कॉर्ट कर रहे मुख्य आरोपी सुरेश विश्नोई को पकड़ लिया। इसके बाद तो उसने पूरा राज ही उगल दिया। नकलचियों में सात महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने नकल के लिए प्रयोग किए गए कागजात और प्रिंटर भी बरामद कर लिए हैं।
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बस पर लगी थी फर्जी नंबर प्लेट
परीक्षा से एक दिन पहले यानि 23 दिसंबर को सभी अभ्यर्थियों को उदयपुर बुलाया गया। वहां पर रात भर बैठकर पेपर सॉल्व कराया गया। सुबह सभी लोगों को एक बस में बिठाकर जालोर रवाना हुए. इस बस पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई. तीन लोगों को बस में पेपर सॉल्व कराने और प्रैक्टिस कराने के लिए बिठाया गया.
प्रमोटेड कंटेंट
जानिए क्या हुआ खुलासा
- पेपर लीक का पूरा प्लान 15 दिन पहले बन गया था।
- इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड जयपुर का एक कोचिंग संचालक है।
- पेपर तीन दिन पहले ही गिरोह तक पहुंच गया था।
- नकल कराने के लिए 1 लाख रुपए में बस किराए पर ली गई।
- लोकेशन ट्रेस के लिए बस में जीपीएस लगाया गया था।
- बस में सिर्फ सांचौर के 37 अभ्यर्थी थे।
- 8-10 अभ्यर्थी पुलिस की कार्रवाई के पहले ही बस से उतर गए थे।
- इस पूरे पेपर लीक के 4 मास्टरमाइंड हैं।
जानिए अन्य खुलासा
बताया जा रहा है यह डील 8-10 लाख रुपए में हुई थी
पेपर लीक का मास्टरमाइंड सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढाका और भूपेंद्र है। सुरेश ढाका ने ही अपने साले सुरेश बिश्नोई और भूपेंद्र को जयपुर से पेपर उपलब्ध करवाया था।
आरोपी सुरेश ढाका मंत्रियों-नेताओं तक पहुंच रखता है। सभी आरोपी 15 दिनों से पेपर लीक करने की पूरी प्लानिंग कर रहे थे। पेपर मिलने के बाद सांचौर व आसपास के ही अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था। पेपर के लिए हर स्टूडेंट से 8-10 लाख रुपए में डील हुई।
एग्जाम से 3 दिन पहले इस गिरोह को जयपुर से पेपर मिल गया था। एग्जाम से एक दिन पहले सारे अभ्यर्थियों को बुला लिया था। चलती बस में नकल कराने का आइडिया जीजा-साले की ही था।Rewari Crime: पंप लूटरो का रिमांड पूरा, लूट का असली खिलाडी पुलिस गिरफत से दूर
गिरोह के सामने सबसे बड़ा चैलेंज था कि अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराने के लिए कैसे लेकर जाएं। तब सुरेश बिश्नोई और भूपेंद्र ने सांचोर से उदयपुर ले जाने के लिए बस की। बस आर के ट्रेवल्स के मालिक राकेश कुमार की है।
बस मालिक हेमागुढ़ा का रहने वाला है। पहले से ही पेपर लीक की सारी बातें क्लीयर हो चुकी थीं। इसी वजह से किराया भी एक लाख रुपए तय हुआ। राकेश कुमार ने अपने बेटे पीराराम को ही बस लेकर भेजा था।
पेपर सॉल्व के लिए बस किराए पर लेने की बात का आसपास कई लोगों को पता लग चुका था। बस ड्राइवर पीराराम ने अपने मामा और चाचा के लड़कों को भी पेपर सॉल्व कराने के लिए बस में बैठा लिया था। कई रिश्तेदारों को भी पेपर कराने के लिए लेकर गए थे। इनसे भी 5 लाख रुपए में डील की गई थी।