Haryana: देश के कर्मचारियों के साथ धोखा करने वाली बीजेपी सरकार ने तानाशाही का रास्ता अपनाया है। कांग्रेस ने कर्मचारियों को रोज़ी-रोटी का अधिकार दिया था। बीजेपी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 से रोज़ी-रोटी का अधिकार हटा दिया है। कांग्रेस ने नागरिकों के अधिकारों को खत्म करने के लिए बीजेपी सरकार को घेरा है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय उपाध्याय ने कही। आज कांग्रेस कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई।
उन्होंने कहा कि गांधीजी के सपनों का भारत बनाने की कोशिश में, देश के 12 करोड़ कर्मचारियों के अधिकारों को खत्म करने की कोशिश की गई है। NREGA को MNREGA में बदलने के सवाल पर अजय उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस ने इस योजना के साथ महात्मा गांधी का नाम जोड़ा था, लेकिन बीजेपी ने महात्मा गांधी के आदर्शों को खत्म कर दिया है। बीजेपी ने महात्मा गांधी का नाम मिटा दिया है। कांग्रेस शासन के दौरान यह एक योजना थी, लेकिन बीजेपी ने अब इसे एक मिशन बना दिया है। इस सरकार द्वारा जनता को धोखा दिया जा रहा है। इस पूरी योजना में राम का नाम भी शामिल नहीं है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय उपाध्याय ने कहा कि गांधीजी के सपनों को तोड़ने वालों को यही देखने को मिलेगा। मंत्री अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दे नहीं हैं। अनिल विज में समझ की कमी है और वे महात्मा गांधी से असहमत हैं। जब MNREGA का नाम बदला गया, तो उसमें श्री राम का नाम शामिल किया गया था। बीजेपी सरकार सिर्फ गरीबों के अधिकार छीन रही है। गांधी से नफरत करते हुए बीजेपी सरकार ने देश के गरीबों से भी नफरत करना शुरू कर दिया है।
नेशनल हेराल्ड मामले के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 2014 में दायर किया गया मामला 16 दिसंबर को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सरकार ने इसे जब्त कर लिया और एक निजी शिकायत के आधार पर पेटेंट दे दिया। बीजेपी सरकार को लगा कि यह मामला गांधी परिवार को बदनाम कर सकता है। CBI और ED ने संयुक्त रूप से कोर्ट को लिखित में बताया कि इस मामले में कोई मुकदमा शुरू नहीं किया जाएगा। इससे पता चलता है कि सरकार सिर्फ विपक्ष और गांधी परिवार को परेशान करने में लगी है। ED और CBI खुलेआम भ्रष्ट हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा MNREGA के नाम पर लाया गया बिल इस योजना को खत्म कर देगा। अब यह एक मिशन है, सरकारी योजना नहीं। MNREGA से बारह करोड़ लोग जुड़े हैं, और यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जैसे बीजेपी सरकार ने खेती के लिए एक कड़ा कानून बनाया था और विरोध प्रदर्शनों के कारण उसे वापस लेना पड़ा, वैसे ही इस बिल को भी वापस लेना पड़ेगा। इसके लिए लोगों को विरोध प्रदर्शन करना होगा। महात्मा गांधी ने देश की आज़ादी में अहम योगदान दिया था।
सुधार बिल में किए गए बदलावों से गरीबों को न्याय मिलना मुश्किल हो जाएगा, और इसका सीधा असर राज्य सरकार पर पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी को विरोध प्रदर्शन करना पड़ा क्योंकि बीजेपी गरीबों के हितों का ध्यान नहीं रखती। नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट के फैसले से पूरे देश को पता चल गया है कि CBI और ED के गलत इस्तेमाल का कांग्रेस का दावा सच है। राज्य कांग्रेस 21 दिसंबर को MNREGA के मुद्दे पर बीजेपी ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
















