Manish Sisodia: दिल्ली विधानसभा चुनाव के आने के साथ ही राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लग गई है। इन आरोपों में एक नया मोड़ तब आया जब दिल्ली पुलिस के बयान के बाद रोहिंग्याओं और बांगलादेशियों को लेकर राजनीति तेज हो गई।
इस सियासी विवाद में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने दिल्ली पुलिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए बीजेपी की पोल खोली है।
मनीष सिसोदिया का बीजेपी पर हमला
पूर्व दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली पुलिस द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो शेयर करते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह हमेशा झूठ और नफरत की राजनीति करती है। दिल्ली पुलिस से यह सवाल किया गया था कि क्या दिल्ली में रोहिंग्या और बांगलादेशियों को बसाने के मामले में आम आदमी पार्टी का कोई संबंध है? इस सवाल के जवाब में पुलिस ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई संबंध नहीं पाया गया है।
मनीष सिसोदिया ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “यह कहा जाता है कि झूठ के पैर नहीं होते, और बीजेपी का झूठ एक बार फिर बेनकाब हो गया है। दिल्ली पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आम आदमी पार्टी का रोहिंग्या या बांगलादेशियों से कोई संबंध नहीं है। बीजेपी, तुम झूठ और नफरत की राजनीति करते रहो, हम काम की राजनीति करेंगे।”
संजय सिंह का बीजेपी पर बड़ा आरोप
दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक ओर गंभीर आरोप तब सामने आया जब आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर वोटर लिस्ट में फेरबदल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी पूर्वांचलियों को निशाना बना रही है और उनके नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश कर रही है। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने शाहदरा, पालम, जनकपुरी, राजौरी गार्डन, करावल नगर, हरी नगर और मुस्तफाबाद जैसे इलाकों में पूर्वांचलियों के वोटों को हटाने के लिए आवेदन किया है।
संजय सिंह ने यह भी दावा किया कि शाहदरा में अकेले 11 हजार पूर्वांचली मतदाताओं के नाम हटाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी पूर्वांचल के लोगों को बांगलादेशी और रोहिंग्या बताकर उन्हें वोट देने से रोकने की कोशिश कर रही है। उनका कहना था कि यह एक साजिश है जिसे बीजेपी राजनीतिक लाभ के लिए चला रही है।
दिल्ली पुलिस का बयान और स्थिति की स्पष्टता
दिल्ली पुलिस के प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात भी सामने आई कि किसी भी आरोप की जांच की जा रही है और कोई भी ठोस साक्ष्य नहीं मिला है जो यह साबित कर सके कि आम आदमी पार्टी का रोहिंग्या या बांगलादेशियों से कोई संबंध है। पुलिस ने कहा कि सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाएगी, लेकिन फिलहाल उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है जो आम आदमी पार्टी के खिलाफ हो।
दिल्ली पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में सभी पहलुओं पर गहरी नजर रखी जा रही है और आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है। पुलिस ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भड़काने के बजाय संयम से काम लें।
चुनावी माहौल और आरोपों का असर
दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और विपक्षी बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज हो गई है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रही हैं, जिससे चुनावी माहौल और भी गर्म हो गया है। बीजेपी जहां आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार और कथित घोटालों का आरोप लगा रही है, वहीं आम आदमी पार्टी बीजेपी पर झूठ और नफरत की राजनीति करने का आरोप लगा रही है।
बीजेपी के खिलाफ मनीष सिसोदिया और संजय सिंह द्वारा उठाए गए आरोपों से यह साफ जाहिर होता है कि चुनावी रणनीति में बांगलादेशी और रोहिंग्या जैसे संवेदनशील मुद्दों को उठाना अब एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। इस तरह के मुद्दे ना केवल दिल्ली के चुनावी माहौल को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी इनका असर दिख सकता है।
आगामी चुनावों में क्या होगा?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक गतिविधियाँ और तेज हो गई हैं। जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी बीजेपी को झूठ और नफरत की राजनीति करने का आरोप लगा रही है, वहीं बीजेपी भी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है। चुनावी प्रचार के दौरान दोनों पार्टियां अपने-अपने मुद्दों को जनता तक पहुंचाने में जुटी हैं।
इस स्थिति में यह कहना मुश्किल है कि आगामी चुनावों में किस पार्टी की जीत होगी, लेकिन यह निश्चित है कि आरोपों और घोटालों का यह दौर चुनावी माहौल को और अधिक दिलचस्प बना देगा। राजनीतिक हलकों में इस समय आरोप-प्रत्यारोप का खेल जोरों पर है, और इसने चुनावी रणनीतियों को एक नया मोड़ दे दिया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का यह खेल चुनावी राजनीति का अहम हिस्सा बन चुका है। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे नेताओं द्वारा बीजेपी पर किए गए आरोप, और दिल्ली पुलिस द्वारा दी गई सफाई, इस बात का संकेत देते हैं कि आगामी चुनाव में राजनीति और भी तीव्र होगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आरोपों का चुनावी परिणाम पर क्या असर पड़ता है।