कर्नाटक: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश की राजनीति चरम पर है। टिकट न मिलने से भाजपा के कई नेता पार्टी से नाराज चल रहे हैं। इतना ही नही ऐन मोके पर 8 बड़े नेताओं ने भाजपा का अलविदा कह दिया है। ये नेता भाजपा न केवल वोट बैंक थेे, वहीं भाजपा के समर्थक माने जाते थे।खुलासा: गेंगस्टर अतीक अहमद के हत्यारे दूसरी जेल में शिफ्ट, सुपारी लेकर की थी हत्या
इन नेताओ को भाजपा को किया बाय बाय
विधानसभा चुनाव के लिए टिकट जारी होने के बाद 8 नेताओं ने भाजपा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इनमें पूर्व सीएम, पूर्व डिप्टी सीएम से लेकर कई विधायक और एमएलसी शामिल है। इसी सूची में पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी भी शामिल है।
इतना ही नहीं पूर्व विधायक डीपी नारीबोल, मंत्री एस अंगारा और बीएस येदियुरप्पा के करीबी डॉक्टर विश्वनाथ के साथ मौजूदा विधायक एमपी कुमारस्वामी, मौजूदा विधायक रामप्पा लमानी, मौजूदा विधायक गुली हटी शेखर, मौजूदा एमएलसी शंकर शामिल हैं।
कईयो ने दामा कांग्रेस व जेडीएस का दामन
भाजपा के कई नेताओं ने बीते दिनों टिकट न मिलने के बाद कांग्रेस या जेडीएस का दामन थाम लिया है। इन नेताओं में भाजपा की ओर से पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार और पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी है। शेट्टार तो भाजपा छोड़ने के बाद आज ही कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। उनका भाजपा से जाना पार्टी के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है।Dc Rewari ने उपतहसील Dharuhera का किया ओचक निरीक्षण
सावदी और शेट्टार के जाने से बड़ा झटका
शेट्टार हुबली-धारवाड़ से चुनाव लड़ते आए हैं और यहीं से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने देने से मना कर दिया।
इसी के चलते जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी पाटी को छोड दिया है।
कांग्रेस को मिल सकता है फायदा
लिंगायत समुदाय के कर्नाटक में 18 फीसद मतदाता हैं और वो भाजपा के समर्थक माने जाते हैं। हालांकि, अब शेट्टार के भाजपा से जाने के बाद वो अकेले 20 से 25 सीटों पर असर डाल सकते हैं।
शेट्टार लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उनका कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।