Political News: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हाल ही में एक बयान दिया जिसमें उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन करने के अपने निर्णय को एक भूल बताया। चौटाला ने इस फैसले को लेकर अपनी असंतुष्टि जाहिर की और कहा कि भाजपा के साथ मिलकर काम करने से उनके राजनीतिक हितों को नुकसान हुआ है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि भाजपा के साथ सहयोग करने के बाद, उनकी पार्टी द्वारा किए गए कई वादे और योजनाएं अधूरी रह गईं। चौटाला का मानना है कि भाजपा के साथ गठबंधन करने से जनता के बीच उनकी पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचा है। उनके अनुसार, भाजपा के साथ मिलकर चलने से उनके समर्थकों में निराशा और असंतोष बढ़ा है।
चौटाला ने यह भी कहा कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाने में उन्हें कई बार अपने सिद्धांतों से समझौता करना पड़ा, जो उनके लिए स्वीकार्य नहीं था।
चौटाला के इस बयान ने राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है। जनता और राजनीतिक विश्लेषकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ का मानना है कि चौटाला का यह बयान उनके राजनीतिक भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जबकि अन्य इसे एक रणनीतिक चाल के रूप में देख रहे हैं।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मैं खुल कर कहता हॅूं एक राज्यसभा उम्मीदवार के लिए प्रदेश की सीटों पर या तो दस प्रतिशत या कम से कम 10 प्रपोजल चाहिए। प्रपोजल सेकेंडर के बाद 8 प्रपोजल और चाहिए।
लोकसभा चुनाव में जजपा के अनुरूप नहीं रहे परिणामों के बाद फील्ड में उतरे पूर्व डिप्टी सीएम और स्थानीय विधायक दुष्यंत चौटाला रजबाहा रोड स्थिति जजपा कार्यालय पहुंचे। यहां पहुंचने पर कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर आया।
पेपर लिक को लेकर ये कहा
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि हरियाणा के अंदर दोनों पार्टी कहीं ना कहीं कांग्रेस, बीजेपी इस पेपर लिक को दबाने चाहेंगे। मै विद्याथियो के साथ खडा हूं। मजबूती से इस लड़ाई को लड़ेंगे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा सारी कांग्रेस के विधायक, मैं तो बलराज कुंडू से भी निवेदन करूंगा सारे एकत्रित हो, सामाजिक तौर पर कोई एक साथी को खड़ा करो सबसे पहला नाम प्रपोजल और सेकेडर प्रपोजल में होगा तो दुष्यंत चौटाला, नैना चौटाला का होगा। हम वो लड़ाई लडेंगे।
अगर उनमें दम नहीं है फिर फार्म हम भरना शुरू करते है उनके पास अगर हमारे पास दो की तीन की कमी रही जो विधायक है उनके साइन करवा दो बीजेपी से हम टक्कर भी लेंगे और राज्यसभा जीतेंगे।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नीट परीक्षा को लेकर बोलते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिस तरह का रूप केंद्र सरकार का रहा है जहां एग्जाम नेशन बॉडी के प्रधान को चेयरमैन को हटा दिया गया रातों-रात नए की नियुक्ति कर दी।
जिस तरीके से लोगों ने जगह-जगह ये चीज प्रूव करी कुछ रिजनल सेंटर से बड़ी मात्रा में छात्रा पास हुए है पेपर लीक हुए है। इसकी सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज के अंडर जांच हो क्योंकि इसके अंदर एक एपीसेंटर हरियाणा भी रहा है।
दुष्यंत चौटाला के इस महत्वपूर्ण ऐलान पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं काफी तीव्र रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चौटाला के इस बयान को गंभीरता से लिया है और इसे राजनीतिक अवसरवादिता का एक और उदाहरण बताया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता ने कहा कि जेजेपी को गठबंधन में रहते हुए अपने सिद्धांतों के साथ समझौता करना पड़ा था, लेकिन अब चुनावी समीकरण बदलते देख, उन्होंने यह बयान दिया है।
कांग्रेस पार्टी ने चौटाला के इस ऐलान को एक साहसिक कदम बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले दलों का विश्वास अब टूट चुका है। उन्होंने इसे हरियाणा की राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा है और उम्मीद जताई है कि इससे राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा मिलेगा।
भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने से जेजेपी को अपनी स्वतंत्र पहचान स्थापित करने का मौका मिलेगा। इससे पार्टी को उन मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है, जो भाजपा की नीतियों से असंतुष्ट हैं। इसके अलावा, अन्य राजनीतिक दलों के साथ संभावित गठबंधन की संभावनाएं भी खुल सकती हैं, जिससे चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चौटाला का यह निर्णय हरियाणा की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। पार्टी की नई रणनीति और आगामी चुनावों पर इसका प्रभाव अभी साफ नहीं है, लेकिन यह निश्चित है कि इस फैसले ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है।