Political News: अपने ही बागी पड सकते है भाजपा को भारी, रेवाड़ी में युवा मतदाता साइलेंट !

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पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास और पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन डॉ. अरविंद ने नही खोल पत्ते Political News: हरियाणा में विधानसभा के मतदान शनिवार का जारी है। जगह जगह मतदान की रिपो​टिंंग करने आए पत्रकारों ने कई लोगों ने मतदान की राय जानी, लेकिन युवा वर्ग साइलेंट दिखाई दिया। साफ जाहिर है इस बार हरियाणा में रेवाड़ी में कुछ भी हो सकता है।Political News   बागी बने भाजपा के गले की फास पिछले साल बागी खुलकर सामने आ गए थे। काफी विरोध भी किया तथा असली व नकली भाजपा के नाम से वोट बैंक भी काफी बदला गया। लेकिन इस बार रेवाड़ी का वोटर साइलेंट है। ऐसे में इस बार राजनीति में हार व जीत को लेकर सही आंकलन नहीं हो पा रहा है।
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पिछले 2 चुनावों से टिकट की दावेदारी ठोक रहे भाजपा के सक्रिय डॉ. अरविंद यादव को भी टिकट नहीं मिला। सीएम मनोहर लाल से दोस्ती होने के चलते इस बाउ उम्मीद थी कि टिकट मिल सकती है। पिछली बार राव इंद्रजीत की काफी बगावत भी की थी। जो कि हाईकमान तक पहुंच गई थी।
चेयरमैन डा. अरविद यादव का रेवाड़ी में कार्यलय खोलना दे गया बड़ा संकेत, समझने वाले समझ गए होंगे
चेयरमैन डा. अरविद यादव का रेवाड़ी में कार्यलय खोलना दे गया बड़ा संकेत, समझने वाले समझ गए होंगे
इसकी वजह इस बार टिकट नहीं मिलने पर वह साइलेंट बागी बने हुए हैं। दोनों का इस सीट पर काफी प्रभाव है। ऐसे में रेवाड़ी सीट से लक्ष्मण सिंह यादव के सामने इन साइलेंट बागियों से ही निपटना बड़ी चुनौती है। इतना ये बागी इस बार खुलकर सामने नही आ रहे है। ऐसे में कही भाजपा के साथ धोखा न हो जाए, इस बात से इंनकार नहीं कहा जा सकता है। हालांकि रेवाड़ी में बीजेपी काफी मजबूत लग रही है लेकिन भीतरघात का खतरा अभी मडरा रहा है। टिकट न मिलने पर पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव बागी होकर आम आदमी पार्टी से ताल ठोेक दी वहीं प्रशांत उर्फ सन्नी यादव निर्दलीय मैदान में हैं। KPARIWAS CM NAYAB SAINI कापडीवास की चुप्पी में बडा दम रेवाड़ी से सबसे पुराने भाजपा नेता व रेवाड़ी के पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापडीवास की चुप्पी में बडा दम है। वे ऐसे नेता है तो बिना पार्टी भी 40 हजार मतो पर अपना कब्जा बनााए हुए है। भाजपा में चुप्पी साधे हुए दोनो ने अभी तक कोई पत्ते नहीं खोले है। सबसे बड़ा खतरा भाजपा को पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास और पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव से ही है।