Plantation : हर साल प्रदेश में लाखों जगह पौधरोपण किया जाता है, लेकिन महज 10 फीसदी पौधे ही पनप पाते है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक पौधा मां के नाम से अभियान की शुरूआत की गई है।
मानव द्वारा अपने नीजि स्वार्थ के वशीभूत होकर पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटाई की, जिसके चलते आज पर्यावरण का संतुलन बुरी तरह से अंसुलित हो चुका है। इतना ही नहीं पर्यावरण के असंतुलित होने का दुष्प्रभाव ना केवल मनुष्य, बल्कि पशु-पक्षियों को भी भुगतना पड़ रहा है। धीरे धीरे प्रदूषण भी जान लेवा बनता जा रहा है।
पेड़ लगाने के लिए मिलेंगे पैसे
पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण से बचाव के उद्देश्य से दो महत्वाकांक्षी योजनाओं का शुभारंभ किया हैं। इसमें वन मित्र और एक पेड़ मां के नाम योजना शामिल है। वन मित्र गड्ढे खोदकर पेड़ लगाने के साथ-साथ उसका संरक्षण भी करेंगे।
वन मित्र गड्ढे खोदकर पेड़ लगाने के साथ-साथ उसका संरक्षण भी करेंगे। इस कार्य के लिए उन्हें प्रति पेड़ के हिसाब से सरकार द्वारा 20 रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह एक पेड़ मां के नाम योजना के तहत लोगों द्वारा लगाए गए पेड़ों को संरक्षण के लिए वन मित्रों को सौंपा जाएगा। इस काम के लिए सरकार द्वारा वन मित्रों को प्रति पेड़ के हिसाब 10 रुपये दिए जाएंगे।
भिवानी जिला में 4 लाख पौधें रोपित करने का लक्ष्य लिया गया, जिसकी शुरूआत में भिवानी के मियावाकी पार्क में पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ 35 प्रकार की विभिन्न प्रजातियों के 10 हजार पौधा रोपन किया गया।
इस कार्य के लिए उन्हें प्रति पेड़ के हिसाब से सरकार द्वारा 20 रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह एक पेड़ मां के नाम योजना के तहत लोगों द्वारा लगाए गए पेड़ों को संरक्षण के लिए वन मित्रों को सौंपा जाएगा। इस काम के लिए सरकार द्वारा वन मित्रों को प्रति पेड़ के हिसाब 10 रुपये दिए जाएंगे।
कैसे मिलेगा लाभ
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति या संगठन पेड़ लगाएंगे, उन्हें पेड लगाने की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके लिए कुछ आवश्यक शर्तें और प्रक्रियाएं निर्धारित की गई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा। आवेदन करने के लिए संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा।
पर्यावरण संरक्षण के फायदे
पेड़ लगाने से न केवल पर्यावरण को फायदा होता है, बल्कि यह समाज के लिए भी लाभकारी है। पेड़ हवा की गुणवत्ता को सुधारते हैं, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करते हैं। हरियाणा सरकार की इस पहल से न केवल हरियाणा हरा-भरा बनेगा, बल्कि लोगों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा।