Nepal के उप-प्रधानमंत्री करेंगे दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

नेपाल के उप-प्रधानमंत्री करेंगे दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन
नेपाल के उप-प्रधानमंत्री करेंगे दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

Nepal: गुरु फाउंडेशन, रोहतक द्वारा स्थापित स्वायत्तशासी अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परिषद, रोहतक द्वारा महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी तथा त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू के संयुक्त तत्वावधान में 09-10 जून को त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

यह सम्मेलन “वैश्विक परिदृश्य में भारत एवं nepal  में सामाजिक परिवर्तन” विषय पर आयोजित किया जा रहा है। गुरु विद्यापीठ के निदेशक डॉ. विकास शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 09 जून को इस सम्मेलन का उद्घाटन नेपाल उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री माननीय नारायण काजी श्रेष्ठ करेंगे।

उनके साथ काठमांडू के सांसद डॉ. अमरेश कुमार सिंह जी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। उन्होंने आगे बताया कि इस सम्मेलन में त्रिभुवन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. केशर जंग बराल, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की अध्यक्षा डॉ. संजीता वर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर कुमारी लक्ष्मी जोशी, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. एम एम वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चंद्रशेखर सिंह भी मुख्य रूप से सम्मिलित होंगे।

उन्होंने बताया कि टांटिया विश्वविद्यालय श्रीगंगानगर से डॉ. नरेश कुमार सिहाग, शिक्षा विभाग हरियाणा सरकार में कार्यरत शिक्षाविद, समाज सेविका डॉ. सुलक्षणा अहलावत अपना व्याख्यान देंगे। डॉ. विकास ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्मेलन में देश विदेश से लगभग 200 प्रोफेसर, शिक्षाविद एवं शोधार्थी सम्मिलित होकर अपने विचार रखेंगे।

उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख कारणों और प्रक्रियाओं का विश्लेषण करना, भारत और नेपाल में सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख प्रभावों का अध्ययन करना, सामाजिक परिवर्तन के संभावित प्रतिक्रियाओं और उनके प्रबंधन के उपायों पर विचार करना, वैश्विक स्तर पर सामाजिक परिवर्तन के अनुसंधान और नीतियों में भारत और नेपाल की भूमिका को समझना, सामाजिक न्याय, समानता, और सामाजिक सहायता के माध्यमों का विस्तार करना तथा वैश्विक स्तर पर सामाजिक परिवर्तन के लिए भारत और नेपाल के अभियानों और सफल अनुभवों का संदर्भ प्रदान करना है।