Haryana : हरियाणा में किसानों की अब मौज हो गई है। अब 10 या 15 नहीं बल्कि 24 फसलों पर लागू कर दी गई है।Haryana के शंभू बॉर्डर (Ambala) और खनौरी बॉर्डर (Jind पर किसानों का आंदोलन जारी है। Punja के किसान Delhi तक मार्च करने की मांग पर अड़े हुए हैं I
विपक्षी दलों पर CM का वार
Haryana CM Nayab Singh Saini ने कहा कि उनकी Haryana Govt ने सभी 24 फसलों की MSP पर खरीद सुनिश्चित की है। उन्होंने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस शासित राज्यों से भी अपील की कि वे किसानों के हित में ऐसा कदम उठाएं।
CM ने विशेष रूप से Punjab Govt पर निशाना साधा और कहा कि Punjab के किसानों को एमएसपी की गारंटी देने में सरकार विफल रही है। उन्होंने Punjab सरकार से अपील की कि वह भी किसानों की उपज को MSP पर खरीदने का फैसला करे।
Haryana Govt. ने 24 फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी दी है। इससे जुड़े Notification को कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंद्रु ने जारी किया है।
MSP पर 24 फसलों की खरीद की घोषणा
Haryana Govt. पहले से 14 फसलों को MSP पर खरीद रही थी। अब 10 नई फसलें भी इस सूची में जोड़ी गई हैं। यह निर्णयCM Haryana nayab Saini की अध्यक्षता में 5 अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। इसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर इसे लागू किया गया।
इन फसलों को MSP में शामिल किया गया है:
- रागी
- सोयाबीन
- नाइजरसीड
- केसर
- जौ
- मक्का
- ज्वार
- जूट
- कोपरा
- समर मूंग
- धान
- बाजरा
- खरीफ मूंग
- उड़द
- अरहर
- तिल
- कपास
- मूंगफली
- गेहूं
- सरसों
- चना
- मसूर
- सूरजमुखी
- गन्ना
फसलों की खरीद के लिए केंद्रीय एजेंसियां
फसलों की खरीद के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हैं। इनमें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई), जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (JCI ), सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (cWUC), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF ) शामिल हैं।
Haryana Govt. ने MSP सूची में कुछ ऐसी फसलों को भी शामिल किया है जो राज्य में सामान्यतः नहीं उगाई जातीं, जैसे रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, केसर, जूट और कोपरा। इसके अलावा, मक्का और जौ जैसी फसलों की कीमतें अक्सर एमएसपी से अधिक होती हैं, जिससे सरकारी खरीद की आवश्यकता कम हो जाती है।
2018-19, 2020-21 और 2021-22 में राज्य सरकार ने मक्का खरीदी थी, लेकिन जौ की सरकारी खरीद कभी नहीं हुई। अरहर, उड़द, तिल और ज्वार जैसी फसलों की कीमतें भी एमएसपी से अधिक रहती हैं।
Kisan Portal पर पंजीकरण
Haryana Govt ने स्पष्ट किया है कि फसलों की खरीद केवल उन किसानों से होगी जो ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत हैं। यह कदम खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए उठाया गया है।
आंदोलनकारी किसानों की मांग
पंजाब के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार MSP की गारंटी का कानून लाए। इसके साथ ही, वे Delho में प्रदर्शन करने के लिए आगे बढ़ने की मांग कर रहे हैं।