जहरमुक्त खेती से पाए मुक्ति, Natural Farming बनी कमाई का जरीया
Natural Farming: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय हिसार के कृषि महाविद्यालय बावल के एग्रीकल्चर के बच्चों ने सिनियर साइंटिस्ट डा अमरजीत एग्रोनोमिस्ट व डॉ योगेश कुमार मौसम विज्ञानिक की अध्यक्षता में धारुहेड़ा एग्रो फार्म पर प्राकृतिक खेती का भम्रण किया।
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जिला बागवानी अधिकारी डाॅ मनदिप यादव व डायरेक्ट दां बाग संजय राव के विज़न व सकारात्मक सोच के चलते फार्म पर प्राकृतिक खेती के गुर सिखने आते रहते है। किसान यशपाल खोला प्रदेश मे तमाम क़ृषि मेलों व सेमिनारों के माध्यम से किसानों को प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग देते रहते हैं।
प्राकृतिक खेती मुख्य रूप से विविध बहु-फसल प्रणालियों, पोषक तत्वों और मिट्टी संवर्धन के लिए देसी गाय आधारित खेत इनपुट और पौधों की सुरक्षा के लिए विभिन्न वनस्पति मिश्रणों को अपनाने पर निर्भर करती है। इन्हें शुरू में मुख्य स्तंभ माना गया और प्राकृतिक खेती के घटकों के रूप में प्रचारित किया गया।