नई दिल्ली स्थित सिविल सर्विसेज़ ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट (CSOI) में शुक्रवार को कुलप्रीत यादव और मधुर राव द्वारा लिखित पुस्तक “The Battle of Narnaul – Rao Tula Ram’s Secret Global Plot to Overthrow the British (1857–1863)” का औपचारिक विमोचन किया गया। भव्य आयोजन में इतिहासकारों, सैन्य विशेषज्ञों, लेखक समुदाय और हरियाणा से जुड़े कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।The Battle of Narnaul
5000 वीर योद्धाओं ने दिया था बलिदान : बता दे कि पुस्तक में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नाहन, नांगल चौधरी और नारनौल क्षेत्र में राव तुलाराम के नेतृत्व में लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाई तथा उनके बाद के वैश्विक प्रयासों का विस्तार से वर्णन किया गया है। लेखकों ने बताया कि 1857 की लड़ाई में राव तुलाराम की सेना ने अंग्रेजों को कड़ी चुनौती दी थी, जिसमें लगभग 5000 वीर योद्धाओं ने बलिदान दिया।The Battle of Narnaul
अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को कैसे रोका: बाद दे कि इसके बाद राव तुलाराम अफगानिस्तान, ईरान और रूस तक गए, ताकि अंग्रेजों के विरुद्ध एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन तैयार किया जा सके। यह प्रयास उस दौर में किसी भी भारतीय सेनानी द्वारा उठाए गए सबसे साहसिक और दूरदर्शी कदमों में गिना जाता है। पुस्तक में उनके इन विदेशी अभियानों को ऐतिहासिक दस्तावेजों, यात्राओं और वैश्विक कूटनीतिक नेटवर्क के संदर्भों के आधार पर प्रस्तुत किया गया है।
नई पीढ़ी के लिए रोशनी: वक्ताओं ने कहा कि राव तुलाराम केवल एक योद्धा ही नहीं बल्कि महान रणनीतिकार भी थे, जिन्होंने विदेशी शक्तियों को साथ लेकर अंग्रेजों के खिलाफ व्यापक मोर्चा खोलने का प्रयास किया। उनका यह योगदान भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में सदैव प्रेरणा देता रहेगा। पुस्तक विमोचन के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि राव तुलाराम का संघर्ष हमें एकता, रणनीति और राष्ट्रभक्ति के महत्व की याद दिलाता है और यह पुस्तक नई पीढ़ी को उनकी वीरता से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।The Battle of Narnaul

















