गीले कचने से बनाई जाएगी गैस, इंदौर की तर्ज पर लगेग सीएनजी प्लांट
हरियाणा : हरियाणा के गुरूग्राम में गीले कचरे से बायो गैस बनाने वाला सीएनजी प्लांट लगाया जाएगां ये प्लांट इंदोर के बाद देश में दूसरा सबसे बडा प्लाट होगा। इसके बनाने को लेकर गुरुग्राम नगर निगम ने योजना तैयार कर ली है। इतना ही नही शहरी निकाय मंत्री ने इसे मंजूरी मिल चुकी है। प्रकिया को आगे बढाने के लिए प्लांट लगाने वाली कंपनियों से आवेदन मांगे गए है।
देश का सबसे बडा होगा प्लांट
नगर निगम गुरूग्राम के अनुसार इंदौर में एक प्लांट से 550 टन गीले कचरे से करीब 19 हजार 500 किलो गैस का उत्पादन किया जा रहा है। गुरुग्राम नगर निगम इस इंदौर के प्लांट से बड़ा प्लांट लगाने की योजना तैयार की है, जो एशिया का सबसे बड़ा बायो-सीएनजी प्लांट होगा।खुशखबरी! रेलवे चलाने जा रहा 8 नई ट्रेन, 22 22 ट्रेनों का किया विस्तार, इस रूट के यात्रियों को होगा फायदा
योजना तैयार करने से पहले निगम अधिकारियों ने 10 महीने पहले इंदौर शहर में लगे बायो सीएनजी प्लांट का दौरा भी किया था। वहां से पूरी जानकारी, खासियत व कमियां जानने के गुरूग्राम में ये प्लांट लागने की तैयारी की गई है। प्लांट लगाने के लिए निगम के राजस्व अधिकारी को 15 एकड़ जमीन चिह्नित करने के निर्देश जारी किए गये हैं।
जानिए कौन लगेगा पैसा
इस प्लांट को तैयार करने में नगर निगम अपना पैसा नहीं लगायेगा। इसे पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर एक निजी एजेंसी तैयार करेगी। इस प्लांट पर कंपनी की ओर 150 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने की संभावना है।Rewari: किसानों को झटका, पांच दिन से रेवाडी कोसली में नहीं हो रही बाजरे की खरीद
जानिए कैसे करेगा काम
बनाने वाले एजेंसी के अनुसार सबसे पहले जैविक कचरे को एक गहरे बंकर में डाला जाता है। फिर क्रेन की मदद से इसे डिस्पोजल मशीन तक पहुंचाया जाता है। ठोस और तरल पदार्थ के अनुपात को नियंत्रित करने के बाद, उन्हें बॉयलर में भेजा जाता है और गर्म किया जाता है। अंदर से निकलने वाली भाप को तकनीक के जरिए सीएनजी में बदला जाता है। इसे एक बड़े टैंक में एकत्र किया जाता है और पाइप के माध्यम से आपूर्ति की जाती है।
22 हजार KG सीएनजी वायोगैस होगी पैदा
यह प्लांट इंदौर में 15 एकड़ जमीन पर लगा है। वहां इस प्लांट से उत्पादित गैस से 400 से ज्यादा सीएनजी बसें चलाई जाती हैं। गुरुग्राम में रोजाना करीब 600 से 700 टन गीला कचरा निकलता है। ऐसे में पूरे शहर के गीले कचरे से करीब 22 हजार किलोग्राम सीएनजी बायोगैस पैदा करने की योजना तैयार की गई है।