नारनौल जेल रिश्वतकांड: चार माह से पुलिस के हाथ खाली, जेलर अनिल जांगड़ा को किया भगोड़ा घोषित
Best24News,Haryana: नारनौल स्थित नसीबपुर जेल के बहुचर्चित रिश्वतकांड में आरोपी जेलर अनिल कुमार जांगड़ा की गिरफतारी को लेकर चार माह से पुलिस के हाथ खाली है। शुक्रवार को जिला कोर्ट ने भगोड़ा (PO) घोषित कर दिया है। पुलिस ने आरोपी जेलर की संपत्ति का डाटा भी जुटाना शुरू कर दिया, ताकि जरूरत पड़ने पर उसकी प्रॉपर्टी अटैच की जा सके।
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एक आरोपी ने किया सुसाइड: एक आरोपी डिप्टी जेलर कुलदीप हुड्डा कुछ दिन पहले गुरुग्राम में सुसाइड कर चुके हैं। दोनों ही आरोपी अधिकारियों की नारनौल सेशन कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई थी। पिछले 4 माह से विजिलेंस आरोपी अनिल जांगड़ा की गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापेमारी कर रही हैं, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ पाया।
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विजिलेंस के इंस्पेक्टर नवल किशोर ने बताया कि ADJ अब्दुल माजिद की कोर्ट ने जेलर अनिल कुमार जांगड़ा को भगोड़ा घोषित किया है। कोर्ट के फैसले के बाद अब जेलर की संपत्ति का डाटा जुटाया जा रहा है। इसके लिए झज्जर में स्थित पैतृक घर व अन्य संपत्तियों की जानकारी जुटा भी ली गई है। आरोपी अभी तक जांच में शामिल नहीं हुआ है।
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क्या था आरोप:
दरअसल, 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गुरुग्राम विजिलेंस ब्यूरों की टीम ने 9 दिसंबर 2021 को नारनौल जेल के वार्डन राजन को जेल परिसर में ही रंगे हाथों पकड़ा था। राजन ने अपने साथी वार्डन गजेसिंह का नाम उगला था। गजेसिंह और राजन दोनों को गिरफ्तार करके सख्ती से पूछताछ की गई तो रिश्वतकांड का पूरा राज खुला।
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दोनों ने विजिलेंस पूछताछ में बताया था कि रिश्वत की यह रकम जेल सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार जांगड़ा और डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा तक पहुंचनी थी। विजिलेंस ने उसी वक्त डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा को 7-PC एक्ट के तहत FIR में नामजद किया। उसके बाद जांच जैसे ही आगे बढ़ी तो जेल सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार की भूमिका भी सामने आई।
गैंगस्टर के गुर्गे से ली गई थी रकम : महेन्द्रगढ़ जिले के रहने वाले कुख्यात गैंगस्टर पपला गुर्जर के खास गुर्गे संदीप से यह रिश्वत की रकम मांगी गई थी। रिश्वत की रकम जेल में गुर्गे का भाई देने पहुंचा था और उसके साथ विजिलेंस टीम रंगे हाथ आरोपियों को पकड़ने पहुंची थी। जेल वार्डन तो विजिलेंस के हत्थे चढ़ गए, परंतु बड़ी मछलियां गिरफ्त में आज तक नहीं आ पाई है।
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4 माह से विजिलेंस के हाथ खाली: 9 दिसंबर के बाद से ही जेलर और डिप्टी जेलर दोनों रिश्वत केस में नाम सामने आने के बाद फरार हो गए। हालांकि जमानत याचिका खारिज होने के बाद करीब एक माह पहले डिप्टी जेलर कुलदीप हुड्डा सुसाइड कर चुके हैं।
इससे पहले और अब तक विजिलेंस की टीम जेलर अनिल कुमार जांगड़ा की गिरफ्तारी को लेकर तमाम संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई।