MSP: हरियाणा में जिला प्रशासन की ओर से समर्थन मूल्य पर सरसो खरीद की घोषणा हो चुकी है। लेकिन पहल दिन ही प्रशासन की पोल खुल गई। रेवाडी नारनोल सहित कइ मंडियो के पहले दिन एक दाना भी नही खरीदा गया।
किसान रहे परेशान: किसान सुबह-सुबह सरसों लेकर पहुंच भी गए थे, किंतु टोकन नहीं काटने की वजह से निराश होकर वापिस लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि अभी चंडीगढ़ से ही डाटा अपलोड नहीं हुआ है, इस कारण मंगलवार से सरसों की खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी।
खुली मंडी में 4600 से 4800 रुपये में बिकी सरसों:
आढ़तियों ने खुली बोली पर पुरानी अनाज मंडी में 4600 से 4800 रुपये में सरसों की खरीद की। मंगलवार को भी करीब 30 से 40 क्विंटल सरसों की खुली मंडी में बिक्री हुई।
किसानों के नहीं काटे टोकन, गेट भी रहा बंद:
पहले दिन मंडी में न तो टोकन काटे गए और न ही अनाज मंडी का गेट खोला गया। इसमें कुछ किसान तो ट्रैक्टर ट्राॅली में सरसों भरकर मंडी में पहुंच गए थे। कुछ किसान खरीदी प्रक्रिया संबंधी जानकारी जुटाने के लिए मंडी पहुंचे।
उधर किसानों का कहना था कि एक तो सरकार ने सरसों की खरीद की तारीख देरी से तय की है। इसकी वजह से अनेक किसानों ने अपनी फसल सरकारी खरीद से पहले ही आढ़तियों को कम भाव में बेच दी। समय पर खरीददारी नहीं होने पर भारतीय किसान युनियन चढुनी ने ज्ञापन भी सोपा है।
किसान को पहले दिन किराये की लगी मार:
खरीद शुरू न होने का खामियाजा उन किसानों को उठाना पड़ा, जो किराये का वाहन लेकर सरसों बिक्री के लिए आए थे। अब उसे वाहन मालिक को किराया दो बार देना होगा। इसके अलावा गाड़ी में सरसों के बैग उतारने व रखने में भी किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा ।