MDU Rohtak: हरियाणा की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू), रोहतक में चल रही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर एक बार फिर सरकार ने रोक लगा दी है। इंटरव्यू प्रक्रिया के दौरान सामने आए धांधली के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री के ओएसडी ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को तत्काल प्रभाव से भर्तियों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इससे हजारों युवा अभ्यर्थियों की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है।
उल्लेखनीय है कि एमडीयू में वर्ष 2016 में खाली पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन उस समय भी भर्ती पर रोक लग गई थी। बाद में सरकार से अनुमति मिलने पर भर्ती प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया गया और हाल ही में इंटरव्यू लिए जा रहे थे। इस बीच प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठे, जिससे सरकार ने फिर से हस्तक्षेप कर भर्तियों को रोक दिया।
एमडीयू में कुल 408 स्वीकृत पदों में से 221 पद लंबे समय से खाली हैं। इतिहास, समाजशास्त्र, म्यूजिक, डिफेंस स्टडीज, कैमिस्ट्री और लॉ जैसे कई विभाग ऐसे हैं जहां या तो सभी पद खाली हैं या बहुत कम फैकल्टी कार्यरत है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, बिना फैकल्टी के छात्रों की पढ़ाई और विभागीय शोध कार्यों पर गंभीर असर पड़ रहा है।
एमडीयू में अंतिम नियमित भर्ती वर्ष 2013 में कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुई थी। उसके बाद बीते 12 वर्षों में न तो कोई नियमित नियुक्ति हुई और न ही कोई भर्ती प्रक्रिया पूरी हो सकी। 2016, 2020 और अब 2024 में भर्तियों की शुरुआत जरूर हुई, लेकिन हर बार या तो अदालत की रोक लगी या फिर प्रशासनिक कारणों से प्रक्रिया अधर में रह गई।
मौजूदा स्थिति में विश्वविद्यालय की ‘ए प्लस ग्रेड’ को भी खतरा पैदा हो गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर जल्द ही नियमित फैकल्टी की नियुक्ति नहीं हुई तो यूनिवर्सिटी की अकादमिक गुणवत्ता और रैंकिंग दोनों पर प्रभाव पड़ सकता है।

















