हरियाणा: प्रदेश में मोटी रकम लेकर निजी स्कूलों को फर्जी दस्तावेजों के जरिये सीबीएसई की संबद्धता दिलाने वालो की अब खैर नही है। हरियाणा सरकार ने दलालों और स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल के निर्देश के बाद विभाग इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की तैयारी में है। उधर, खुफिया विभाग ने भी इस मामले में प्रदेशभर से रिपोर्ट मांगी है।
आशंका जताई जा रही है कि गिरोह के सदस्यों ने अकेले कैथल और कुरुक्षेत्र ही नहीं प्रदेश के 10 जिलों में गलत दस्तावेज पर स्कूलों को संबद्धता दिलाई है। उधर, अभिभावक एकता मंच ने मांग की है कि पिछले पांच साल में ऐसी संबद्धता लेने वाले स्कूलों की जांच की जाए तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है।
खुफिया विभाग से मांगी रिपोर्ट:
शिक्षा मंत्री कंवर पाल के निर्देश के बाद विभाग इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की तैयारी में है। इतना ही नहीं खुफिया विभाग ने भी इस मामले में प्रदेशभर से रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में स्कूलों की जांच की जाए तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने की उम्मीद है।
शिक्षा विभाग और सीबीएसई में हड़कंप है। साथ ही उन स्कूलों संचालकों की बेचैनी बढ़ गई है, जिन्होंने गलत दस्तावेजों के आधार पर संबद्धता ली है। स्कूल संचालक अब अपने बचाव की कोशिश में लग गए हैं। साथ ही संबद्धता दिलाने वाले दलाल भूमिगत हो गए हैं। कुरुक्षेत्र और कैथल की पुलिस गिरोह के सदस्यों की तलाश में जुट गई है। मामला उजागर होने के बाद अब कई और स्कूल दलालों के खिलाफ शिकायत देने की तैयारी में हैं।
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बड़े फर्जीवाड़े का संकेत
उधर, शिक्षा विभाग इस मामले की उच्चस्तरीय जांच बैठाएगा, क्योंकि इस मामले में सेकेंडरी शिक्षा निदेशक तक के फर्जी हस्ताक्षरों का प्रयोग किया गया है। दलालों द्वारा विभाग के सबसे बड़े अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करना बड़े फर्जीवाड़े का संकेत है।
विभाग ने इसे काफी गंभीर मामला मानते हुए जल्द जांच शुरू करने का मन बना लिया है। इस जांच में उन स्कूलों की फिजिकल वेरिफिकेशन कराने की योजना है, ताकि भवन और दस्तावेजों दोनों की जांच हो सके। खुफिया विभाग ने इस प्रकार के स्कूलों और दलालों को लेकर सभी जिलों से फीडबैक मांगा है।
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यह बहुत गंभीर मामला है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एनओसी और संबंद्धता लेना कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि स्कूल बच्चों की सुरक्षा के जुड़ा मामला है। इस मामले में जो भी शामिल होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। – कंवर पाल गुर्जर, शिक्षा मंत्री।