Forbes Billionaires List में शामिल हुए केशब महिंद्रा, जानिए क्या है इनका व्यवसाय
Forbes Billionaires List 2023: बिजनेस में उतार चढाव होते रहते है। लेकिन कई बार इतना उतार आ जाता है कि बडे बडे उद्योगपति उभर ही नही पाते है। अभी फोर्ब्स मैगजीन में जारी भारत के सबसे ज्यादा रईस अरबपतियों की लिस्ट में सबसे उम्रदराज भारतीय का नाम शामिल हो चुका है।
इतना ही इस बार तीन भारतीय महिला अरबपतियों के नाम शामिल है। जिनमे 59 वर्षीय रेखा झुनझुनवाला, रोहिका मिस्त्री व सावित्री जिंदल शामिल है।
तीन भारतीय महिला अरबपतियों में हुई शामिल
Forbes की भारतीय अरबपतियों की लिस्ट में इस बार कुल 16 नए अरबपतियों की एंट्री हुई है, जिसमें तीन भारतीय महिलाओं के नाम हैं।
1 रेखा झुनझुनवाला : इस महिला की कुल संपत्ति 5.1 बिलियन डॉलर थी। फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रेखा झुनझुनवाला के पति की मृत्यु के बाद उनका स्टॉक पोर्टफोलियो विरासत में मिला है। वर्तमान समय में टाटा मोटर्स और टाइटन जैसी प्रमुख कंपनियों उनकी विरासत में शामिल हैं।
2 रोहिका मिस्त्री: अरबपति रोहिका मिस्त्री है, जो टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की पत्नी हैं।
3 ओपी जिंदल: जिंदल ग्रुप की एमेरिटा चेयरपर्सन सावित्री जिंदल (73) भारत की सबसे अमीर महिला हैं। फोर्ब्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में 4.5 अरब डॉलर की तुलना में अब उनकी कुल संपत्ति 2.6 अरब डॉलर है।
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1.2 बिलियन डॉलर के मालिक है केशब
99 वर्षीय केशब महिंद्रा लगभग 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मालिक हैं। केशव महिंद्रा महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के एमेरिटस चेयरमैन हैं और पांच दशकों से अधिक समय से समूह के शीर्ष पर हैं।
इसके अलावा, वह आनंद महिंद्रा के चाचा भी हैं। बाद में वे अगस्त 2012 में सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें अच्छे कॉर्पोरेट प्रशासन और नैतिकता के लिए जाना जाता है। 2007 में, उन्हें 2007 में अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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केशब महिंद्रा (Keshub Mahindra) ने 99 साल की उम्र में फोर्ब्स मैगजीन में अपनी जगह बनाई है। खास बात है कि इस बार 16 नए अरबपतियों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है, जबकि रिलायंस ग्रुप के हेड मुकेश अंबानी भारत के साथ ही एशिया के टॉप अरबपति के स्थान पर हैं।
केशब महिंद्रा ने कॉर्पोरेट जगत में अपनी शुरुआत 1947 में की थी। पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी, अमेरिका से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1947 में उन्होंने महिंद्रा कंपनी ज्वाइन की, जिसके बाद 1963 में उन्हें इसका चेयरमैन बनाया गया।
2004 से 2010 तक वह प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद, नई दिल्ली के सदस्य भी रहें। केशब महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा को असेंबलर से बड़े समूह में बदलने के लिए जाने जाते हैं और वें ASSOCHAM की सर्वोच्च सलाहकार परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।