EPFO New Rule: EPFO कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब नौकरी बदलते समय न तो फॉर्म भरने की जरूरत होगी और न ही पीएफ ट्रांसफर के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक नया ऑटोमैटिक ट्रांसफर सिस्टम शुरू किया है, इसी साल दिसंबर तक देशभर में पूरी तरह लागू हो जाएगा। इससे एक ओर समय बचेगा वही कागजी कार्रवाई से भी राहत मिलेगी।EPFO New Rule
ईपीएफओ के अनुसार, अब अधिकतर मामलों में कर्मचारियों को अपने पुराने या नए नियोक्ता के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांसफर क्लेम भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। नई प्रक्रिया के तहत क्लेम सीधे ईपीएफओ को जाएगा, जिससे नियोक्ता की भूमिका लगभग समाप्त हो जाएगी। इस ऑटोमैटिक सिस्टम से ट्रांसफर क्लेम के निपटारे में लगने वाला समय काफी घटेगा, साथ ही शिकायतों और दावे खारिज होने की दर में भी कमी आएगी।
नए EPF ट्रांसफर सिस्टम के फायदे
- – ट्रांसफर अब महीनों के बजाय कुछ ही दिनों में पूरा होगा।
- – किसी दस्तावेज को अपलोड करने की जरूरत नहीं, क्योंकि सिस्टम ऑटोमैटिक रूप से ट्रांसफर प्रोसेस करेगा।
- – ट्रांसफर प्रक्रिया के दौरान भी ईपीएफ बैलेंस पर ब्याज मिलता रहेगा।
- – सेवानिवृत्ति के समय पूरी राशि एक ही खाते में उपलब्ध होगी।
- – नौकरी बदलना, खासकर निजी क्षेत्र में, अब और भी आसान और सुविधाजनक बन गया है।
इस नई प्रणाली के तहत कर्मचारी का पीएफ बैलेंस नौकरी बदलने पर अपने आप नए नियोक्ता के खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। इस बदलाव से कागजी प्रक्रिया खत्म हो जाएगी और पूरा सिस्टम पारदर्शी व तेज हो जाएगा। बड़े नियोक्ताओं को भी राहत मिलेगी क्योंकि अब ट्रांसफर को मंजूरी देने की जिम्मेदारी उनसे हटकर सिस्टम पर होगी।
अब नही भरना पडेगा फार्म: बता दे इससे पहले कर्मचारियों को फॉर्म 13 भरकर पुराने और नए नियोक्ताओं से वेरिफिकेशन कराना पड़ता था, जिसमें एक से दो महीने तक का समय लगता था। कई बार तकनीकी गड़बड़ियों के कारण ब्याज हानि या ट्रांसफर रद्द होने जैसी परेशानियां आती थीं। अब ऑटोमैटिक ट्रांसफर व्यवस्था में यह पूरी प्रक्रिया 3 से 5 दिनों में पूरी हो जाएगी।

















