वाराणसी: सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के मामले में कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने शनिवार को गैर जमानती वारंट जारी करते हुए नौ जून को पेश होने का आदेश दिया है। ये करीब 23 साल पुराना मामला हैOdisha Train Accident: जांच में हुआ खुलासा, जानिए किसकी कमी से हुआ था ओडिशा में रेल हादसा
एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने बताया कि रणदीप सिंह सुरजेवाला की याचिका पर हाईकोर्ट ने 20 मार्च 2023 को उन्हें विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) की अदालत में उन्मोचन प्रार्थना पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था।?
जानिए क्या था पूरा मामला
बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेसी नेताओं को आरोपित किए जाने के विरोध में 21 अगस्त 2000 को युवक कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रदेश अध्यक्ष एसपी गोस्वामी के नेतृत्व में कार्यकर्ता मंडलायुक्त कोर्ट में घुस कर नारेबाजी और हंगामा करने लगे।
दोबारा नहीं हुए हाजिर
पुलिस ने सुरजेवाला, एसपी गोस्वामी आदि को गिरफ्तार किया था। इस मामले में अदालत ने 13 मार्च 2023 को विजय शंकर पाण्डेय, अनिल श्रीवास्तव अन्नू, शम्भूनाथ बाटुल, अशोक कुमार मिश्रा समेत अन्य पर आरोप तय हुआ था। उस दिन रणदीप सिंह सुरजेवाला कोर्ट में हाज़िर नहीं हुए।
अदालत ने प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए कहा कि आरोप विरचन (निर्धारण) के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति का अंतिम अवसर प्रदान किया जा चुका है।Rewari News: IPL में हारे 70 हजार रुपये देने को लेकर विवाद, कार की चाबी से फोडी आंख
मांगी थी पत्रावली, किया खारिज
सुरजेवाला की ओर से मुकदमे की केस डायरी समेत अन्य पत्रावलियों की पठनीय प्रति मांगी गई। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) ने 31 मई को इसे खारिज कर दी और उन्मोचन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने का रणदीप सिंह सुरजेवाला को अवसर दिया और सुनवाई को तीन जून की अग्रिम तिथि मुकर्रर कर दी।RBI ने इस सरकारी बैंक पर लगाया 2.20 करोड़ रूपए जुर्माना, कहीं आपका खाता तो इसमे नहीं है
तीन जून को सुनवाई के दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया गया कि 31 मई के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हाईकोर्ट के 20 मार्च के आदेश के अनुपालन में अंतिम अवसर दिया जा चुका है, ऐसे में उनका प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है।
सुरजेवाला के अधिवक्ता का कहना
सुरजेवाला के अधिवक्ता का कहना है कि राज्यसभा सदस्य का नाम प्राथमिकी में नहीं है। गिरफ्तारी प्रपत्र और केस डायरी में भी उनका नाम नहीं है। इसके बावजूद उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया।