हरियाणा के 2001 बैच के IAS Vikas Gupta को अब केन्द्रीय विद्यालय संगठन (KVS) का नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है। यह पद केंद्रीय सरकार में शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी माना जाता है। विकास गुप्ता की नियुक्ति से स्कूल शिक्षा की नीतियों और KVS के विकास में नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इससे पहले वे विभिन्न प्रशासनिक पदों पर काम कर चुके हैं और उनके पास अनुभव और प्रशासनिक कुशलता दोनों हैं।
KVS कमिश्नर का पद देश के स्कूल शिक्षा तंत्र में बेहद महत्वपूर्ण है। इस पद पर कार्यरत अधिकारी की जिम्मेदारी होती है केंद्रीय विद्यालयों की नीतियों का निर्माण करना, शिक्षकों की भर्ती, प्रशिक्षण और स्थानांतरण करना, नए विद्यालय स्थापित करना, और राष्ट्रीय शिक्षा परियोजनाओं को लागू करना। इसके अलावा KVS में बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता, डिजिटल शिक्षा, खेल और विज्ञान के क्षेत्र में भी सुधार सुनिश्चित करना कमिश्नर के दायित्वों में आता है।
KVS का महत्व और विस्तार
केंद्रीय विद्यालय संगठन के अंतर्गत पूरे भारत में 1,200 से अधिक विद्यालय कार्यरत हैं, जिसमें लगभग 14 लाख छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। KVS की खासियत है कि यह छात्रों को CBSE पाठ्यक्रम प्रदान करता है और शिक्षा के आधुनिक मानकों के अनुसार सुविधाएँ उपलब्ध कराता है। यहाँ अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर, NCC, खेलकूद, विज्ञान, कला, ओलंपियाड्स, नवाचार, और 2020 की नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षण मॉडल उपलब्ध हैं।
भविष्य की उम्मीदें और शिक्षा में सुधार
विकास गुप्ता की KVS कमिश्नर के रूप में नियुक्ति से उम्मीद है कि केंद्रीय विद्यालयों की शिक्षा और प्रबंधन में सुधार होगा। नए शिक्षण मॉडल, डिजिटल शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही शिक्षकों के प्रशिक्षण और छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह कदम KVS को और अधिक प्रतिस्पर्धी और आधुनिक बनाएगा, जिससे देश के बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा प्राप्त हो सके। केंद्रीय विद्यालयों में यह प्रशासनिक नेतृत्व शिक्षा क्षेत्र में एक नई पहल और सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगा।

















