स्टाफ कम होने से मरीज परेशान, प्राइवेट डाक्टरों से कटवानी पड रही है जेब
Haryana:: गांवों में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने के दावे केवल कागजों में दौड रहे है। हरियाणा व राजस्थान की सीमा पर बसे गांव (phc Aakeda- rewari) आकेडा में बनाई गई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को पिछले एक दशक से अपने भवन का इंतजार है। इतना ही नहीं स्टाफ के अभाव में मरीजोंं को प्राइवेट अस्पताल मे जेब कटवानी पड रही है।
बता दे कि गांव आकेड़ा में लोंंगो को स्वास्थ्य सुविधा के लिए राजस्थान में भिवाड़ी मेंं जाना पडता था। 2014 में पूर्व सरपंच मीता सिंह व पूर्व ब्लॉक समिति के मैंबर से हरियाणा सरकार से अपील करते हुए गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पास करवाया था। बिल्डिंग के अभाव मे पिछले एक दशक से पूराने चौपाल में सेवाये दी जा रही है।
पंचायत की ओर से दो एकड जमीन दी गई । सारी प्रकिया होने के बाद में करीब साढे 4 करोड से इसकी 2018 में टैंडर प्रकिया कर दी गई। लेकिन छह साल बीतने के बावजूद आज तक कार्य पूरा नहीं हुआ है।
चार साल से बदं पडा है काम: पीएचसी का काम पिछले चार साल से बंद पडा हुआ है। काम को करवाने के लिए पंचायत अपने स्तर पर कई बार लोक निर्माण विभाग को अवगत करवाया चुके है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में मजबूरी में खंडर भवन में काम चलाना पड रहा है।
स्टाफ का अभाव: पीएचसी में कहने को तो तीन डाक्टर नियुक्त हैं। लेकिन केवल एक दांतों के डाक्टर को छोडकर दो डाक्टर केवल दो दिन ही पीएचसी आकेडा में बैठते है। उनकी चार दिन धारूहेड़ा व मीरपुर डयूटी देनी पडती है। पीएचसी में रोजाना 50 से 60 मरीज आ रहे है। चिकित्सकों के अभाव मे मरीजों को बैंरग लोटना पडता है। लैब टेक्निशियन व कंप्यूटर आप्रेटर नहीं होने से काम ही नहीं होते है।