हरियाणा में आरक्षण सें क्या बढेगी महिलाओं की चौधर, क्या कम हो जाएगा पति का दबादबा ?

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हरियाणा: सांसद में महिला आरक्षण विधेयक पास हो गया है। हरियाणा में चुनाव को लेकर महिलाए सकिय तो है, लेकिन चौधर इतनी ज्यादा नहीं है। अब धीरे धीरे महिलाएं घूंघट से निकलने लगी है। ऐसे में सबसे पहले महिलाओ को उनकी चौधर के लिए जागरूक करना होगा। ताकि वह अपने हक को जान सके।हरियाणा की 2000 महिलाएं जाएंगी सांसद, जानिए क्यों

साल 1966 में हरियाणा का गठन होने के बाद से अब तक 13 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। तीन चुनावों को छोड़ दिया जाए तो बाकी किसी भी विधानसभा चुनाव में 10 प्रतिशत सीटें भी महिलाओं के हिस्से में नहीं आईं हैं। वर्ष 2005 के चुनाव से विधानसभा में महिलाओं की संख्या बढ़नी शुरू हुईं

 

घूंघट में महिलाएं कैद, प्रति​निधियो का कब्जा

हरियाणा में भले ही आरक्षण मिल जाए, लेकिन 80 फीसदी महिलाएं घूंघट में कैद है। गांवो में तो इतना बुरा हाल है कि पंचायत की बैठक पति ही लेते है। किसी भी कागजात पर पति मोहर लगा देता है ओर सरपंच बाद में साईन कर देती है। उसे तो यह भी नहीं पता होता है किस पर साइन किए है। ऐसे में सबसे पहले महिलाओ को अपनी चौधर के लिए जागरूक करना होगा। ताकि वह अपने हक को जान सके।श्री माता वैष्णो देवी पहुंचना हुआ आसान, रेलवे चलाऐगा स्पेशल ट्रेनें, यहां पढिए पूरी डिटेल्स

गांव चौधर अब पहुंचेगी ससंद

हरियाणा में सरपंच व पंचो को 33 फीसदी आरक्षण दिया हुआ है। चेयरमैन तक पदों पर महिलाओ को कब्जा हैंं। अब ​महिला आरक्षण बिल पास होने से महिलाओ की चौधर ओर भी बढ गई है। लेकिन आज भी सरपंचो व पंचो का चौधर पति या अन्य प्रति​निधि ही संभाल रहे है। ऐसे में आरक्षण के साथ महिलाओ को जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे घूघंट से बाहर हा सके।

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पांच बार विधानसभा पहुंची ये महिला
हरियाणा में प्रसन्नी देवी एक मात्र महिला हैं जो पांच बार विधानसभा पहुंची हैं। प्रसन्नी देवी ने कांग्रेस के टिकट पर करनाल के इंद्री हलके से 1967, 1968 और 1972 में चुनाव जीता। इसके बाद 1982 और 2005 में उन्होंने पानीपत के नौल्था विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। इसके अलावा शकुंतला भगवाड़िया, गीता भुक्कल और किरण चौधरी चार-चार बार सदन पहुंच चुकी हैं।

महज 25 साल की उम्र में बनी मंत्री

हरियाणा की बेटी और भाजपा की कद्दावर नेता रहीं स्व. सुषमा स्वराज साल 1977 में जनता पार्टी और 1987 में भाजपा के टिकट पर अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र चुनाव जीती थीं। वे 25 साल की उम्र में जनता पार्टी की हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी थीं। बाद में दिल्ली की राजनीति में चली गईं। वहां दिल्ली की मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में मंत्री रहीं।पासपोर्ट के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने का झंझट खत्म, विदेश मंत्रालय ने शुरू की “एक्सीलेंस वैन सेवा” जानिए क्या है योजना

14वीं विधानसभा में ये महिलाएं चुनी गईं विधायक

हरियाणा में 14वीं विधानसभा के चुनावी रण में भले ही किस्मत आजमाने के लिए 104 महिलाएं चुनावी मैदान में उतरीं, लेकिन विधानसभा में पहुंचने में सफलता सिर्फ नौ महिलाओं को ही मिली। इनमें कांग्रेस से पांच, भाजपा से तीन और जजपा से एक महिला विधायक चुनी गई।

भाजपा से गन्नौर विधानसभा से निर्मल रानी, कलायत से कमलेश ढांडा और बड़खल हलके से सीमा त्रिखा विधायक चुनी गईं। जजपा से बाढड़ा विधानसभा से नैना चौटाला विधानसभा पहुंची हैं।NVS Class 9, 11 Admission 2024: प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित, यहां करे अप्लाई

कांग्रेस से झज्जर से गीता भुक्कल व तोशाम से किरण चौधरी लगातार चौथी बार विधायक चुनी गई हैं और कलानौर हलके से शंकुतला खटक तीसरी बार विधानसभा पहुंची हैं। इसके अलावा नारायणगढ़ से शैली और सढौरा से रेणूबाला कांग्रेस से विधायक चुनी गई हैं।