Haryana New Pension Rules : हरियाणा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब राज्य के कर्मचारियों को केवल एकीकृत पेंशन योजना (UPS) का ही लाभ मिलेगा. पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने की मांग कर रहे कर्मचारियों को झटका देते हुए सरकार ने अपने बजट में UPS को लागू करने का फैसला किया है. यह निर्णय केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप लिया गया है.
क्या है एकीकृत पेंशन योजना
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत एक नई पेंशन प्रणाली है, जो राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) का स्थान लेगी. UPS के अंतर्गत
कर्मचारी को 25 साल की सेवा पूरी करने के बाद उसके औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा.
न्यूनतम सेवा 10 साल होने पर भी 10 हजार रुपये मासिक पेंशन और 30% फैमिली पेआउट का लाभ मिलेगा.
यह योजना विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए है, जो पुरानी व्यवस्था से बाहर रह गए थे और NPS को लेकर संतुष्ट नहीं थे.
पुरानी पेंशन योजना (OPS) और UPS में कई बुनियादी अंतर हैं:
मापदंड पुरानी पेंशन योजना (OPS) एकीकृत पेंशन योजना (UPS)
पेंशन निर्धारण अंतिम वेतन का 50% अंतिम 12 माह के औसत मूल वेतन का 50%
कर्मचारी अंशदान नहीं लिया जाता 10% अंशदान लिया जाएगा
महंगाई राहत दो बार महंगाई भत्ते के अनुसार कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के साथ जुड़ी होगी
सेवा आवश्यकताएं कोई न्यूनतम सेवा नहीं न्यूनतम 10 साल की सेवा अनिवार्य
इन सभी बिंदुओं के आधार पर UPS को एक संतुलित और भविष्योन्मुखी योजना के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है.
UPS से किसे कितना लाभ मिलेगा?
हरियाणा सरकार ने UPS योजना में स्पष्ट किया है कि:
10 साल की न्यूनतम सेवा पूरी करने वाले कर्मचारी को ₹10,000 प्रति माह पेंशन और 30% फैमिली पेआउट मिलेगा.
25 साल की सेवा पूरी करने पर पूरा पेंशन लाभ दिया जाएगा.
योजना का लाभ करीब 2.25 लाख राज्य कर्मचारियों को मिलने का दावा किया गया है.
यह स्कीम नवीन नियुक्त कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से लागू की जा रही है.
कर्मचारी संगठनों की क्या है मांग?
हरियाणा में लंबे समय से कर्मचारी संगठन OPS (पुरानी पेंशन योजना) की बहाली की मांग कर रहे थे. इसके लिए संयुक्त कर्मचारी मोर्चा और संघर्ष समिति द्वारा आंदोलन और वार्ताओं के कई दौर हो चुके हैं. हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि वह अब OPS को बहाल नहीं करेगी. बल्कि सिर्फ UPS पर अमल करेगी, जो NPS की तुलना में बेहतर विकल्प माना जा रहा है.
UPS लागू करने का कारण और सरकार का रुख
राज्य सरकार का मानना है कि UPS
भविष्य में वित्तीय स्थायित्व बनाए रखेगा
कर्मचारियों को सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन की गारंटी देगा
केंद्र के मॉडल से मेल खाता है. जिससे नीतिगत समन्वय आसान होगा
सरकार ने कहा कि UPS सामाजिक सुरक्षा और राजकोषीय संतुलन के बीच संतुलन बनाए रखता है.
पुरानी पेंशन पर क्यों लगी रोक?
OPS के तहत सरकार को हर सेवानिवृत्त कर्मचारी को अंतिम वेतन का 50% पेंशन देना पड़ता था और यह संपूर्ण रूप से सरकारी खर्च पर निर्भर था. इससे सरकारी खजाने पर भारी दबाव पड़ता था. वहीं UPS के तहत कर्मचारी भी 10% अंशदान देता है. जिससे सरकार और कर्मचारी दोनों की साझेदारी से पेंशन का बोझ बंटता है.

















