Weather: राजस्थान में दो दिन से हो रही बारिश से किसानों को बड़ी राहत दी थी, लेकिन अब मौसम विभाग की अ ओलावृष्टि की चेतावनी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस समय राज्य में रबी फसल खेतों में खड़ी है। ऐसे में अगर ओलावृष्टि होती है, तो यह फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर सकती है।
किसानों के पहले ही खेती घाटे का सोदा बना हुआ है वही ओलावृष्टि से तो उनकी जान ही निकल जाएगी। बता दे कि राजस्थान में मौसम का मिजाज एक बार फिर से तेजी से बदल रहा है। बदलता मौमस किसानों के लिए बड़ी चुनौती लेकर आया है।
बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना से किसानो के खेतो में खड़ी फसलों पर खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने राजस्थान में 27 दिसंबर को ओलावृष्टि की चेतावनी का अलर्ट जारी किया है। इतना ही इसी के साथ राजस्थान के 13 जिलों के लिए पहले ही येलो अलर्ट जारी किया जा चुका है।
इन जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी: मौसम विभाग ने राज्य के अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, सीकर, टोंक, उदयपुर, नागौर राजसमंद, सवाई माधोपुर,और पाली जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। चेतावनी के साथ् ही किसानो की नींद उडने लगी है।
इन जिलों में बारिश का असर
पिछले 48 घंटों से राज्य के कई शहरों में बारिश हो रही है। गंगानगर, सीकर, चूरू, बीकानेर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई है। आज मौसम विभाग ने भरतपुर, अलवर, दौसा, धौलपुर और करौली में अगले कुछ घंटों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण 27 दिसंबर से राज्य के कई हिस्सों में बारिश का असर बढ़ सकता है।
किसानों की परेशानी: बता दे कि राजस्थान में इस समय रबी की फसलें जैसे गेहूं, सरसों और जौ खेतों में खड़ी हैं।ऐसे अगर ओले खेतों गिरेंगे तो ओला गिरने से खड़ी फसलें पूरी तरह से खराब हो सकती हैं।
किसानो का कहना है कि अगर ओलावृष्टि होती है, तो यह न केवल किसानों की मेहनत पर पानी फेर देगी इतना ही नहीं कृषि क्षेत्र को भी बड़ा नुकसान पहुंचाएगी।