कनिका ने आईबी में इंस्पेक्टर नौकरी छोड कर की तैयारी
हरियाणा: UPSC ने सिविल सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट सोमवार को जारी किया गया। रेवाड़ी की उषा यादव ने दूसरी बार में 345वां रैंक, वहीं बहादुरगढ़ की बेटी कनिका राठी ने चौथी बार में 64वां रैंक हासिल किया है।
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दोनों के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। तैयारी को लेकर कनिका ने आईबी में इंस्पेक्टर नौकरी छोड दी थी, जबकि उषा ने नौकरी मिलते के बावजूद कोई नौकरी नही की।
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जिले का नाम किया रोशन
उषा के पति रवि यादव तथा उसने एनआईटी मुरथल से कंप्यूटर साइंस में उत्कृष्टता के साथ बीटेक किया तथा फिर दोनों की जॉब लग गई। उषा निरंतर सिविल सेवा की तैयारी में जुटी रही तथा आज घोषित परिणाम में उसने देश भर में 345 वां स्थान ले कर परिवार का नाम रोशन किया है।
स्थानीय सेक्टर-3 निवासी सेवानिवृत्त रसायन शास्त्र प्राध्यापक व हरियाणा स्कूल लेक्चरर्ज एसोसिएशन (हसला) के पूर्व जिला प्रधान जोगेंद्र सिंह यादव की पुत्रवधू उषा यादव ने यूपीएससी द्वारा घोषित सिविल सेवा की परीक्षा में 345वीं रैंक मिला है।
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उषा जिले के गांव भाखली की बेटी है तथा साधारण परिवार से ताल्लुक रखती है। उसके पिता इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह यादव बीएसएफ से सेवानिवृत्त है तथा माता सुमित्रा गृहिणी है। इस परीक्षा परिणाम घोषित हुआ उषा यादव के सेक्टर-3 स्थित निवास पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। उनकी सास इंदिरा यादव ने सभी को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। उषा यादव ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता,सास-ससुर, पति तथा अन्य परिजनों के साथ गुरुजनों को दिया है।
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परिजनो को मिला सहयोग: उषा ने बताया कि उनकी सास ने उनके छोटे बच्चे को एक माह का सच्चा प्यार दिया जिसके चलते वे तैयारी कर पाईं। उन्होंने बताया बताया कि उसे विश्वास था कि इस बार वह सिविल सेवा की परीक्षा को उत्तीर्ण अवश्य कर लेंगी, किंतु इतने अच्छा रैंक पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनकी इच्छा है कि आईएएस बनकर वे समाज एवं राष्ट्र की बहुआयामी सेवा करें।
गांव के युवक ने किया सहयोग: उषा ने बताया कि पिछले वर्ष भी उन्होंने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की थी, परंतु साक्षात्कार में सफलता नहीं मिली थी। वर्ष 2019 में इस परीक्षा के लिए चयनित उनके गांव के अभिषेक यादव ने उनका बहुआयामी मार्गदर्शन व प्रोत्साहन किया।
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चौथे प्रयास में कनिका राठी ने तोडा रिकोर्ड: मूलरूप से गांव खरहर की रहने वाली कनिका राठी फिलहाल बहादुरगढ़ शहर के दयानंद नगर में परिवार के साथ रहती है। कनिका ने चौथे प्रयास में UPSC परीक्षा पास की है। इससे पहले कनिका की आईबी में बतौर इंस्पेक्टर नौकरी लग गई थी, लेकिन सपना आईएएस बनने का था, जिसे पूरा करने के लिए कनिका ने नौकरी छोड़ तैयारी की और आखिर में उसे कामयाबी मिली। कनिका के पिता नरेश राठी पेशे से इंजीनियर और मां नीलम अध्यापिका है।
कनिका राठी ने बताया कि उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई बहादुरगढ़ के ही एक प्राइवेट स्कूल से की। उसके बाद ग्रेजुएशन करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी में लग गई। 2019 में उसकी आईबी में इंस्पेक्टर रैंक पर नौकरी लगी, लेकिन उसने सपना आईएएस बनने का संजोया थी।
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जिसे पूरा करने के लिए 2 साल बाद ही उसने नौकरी छोड़ दी और फिर से UPSC की तैयारी शुरू कर दी। कनिका ने बताया कि पहले 3 प्रयास में सफल नहीं होने पर उसे थोड़ी जरूर निराशा हुई, लेकिन उसने इस निराशा को अपने सपने के आड़े नहीं आने दिया और चौथे प्रयास में जी जोड़ महनत कर UPSC परीक्षा पास कर ली।