Tiger Location Update: झाबुआ में दूसरी बार कैमरे में कैद हुआ खूनी ST-2303 Tiger की मवूमेंट, वन विभाग की टीम ने लिया अब ये फैसला

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Tiger Location Update: सरिस्का (Sariska Tiger) के बफर जोन से निकले टाईगर एसटी-2303 एक बार फिर गुरूवार के सुबह सुबह दूसरी बार झाबुआ के बीहड़ में लगाए गए वन विभाग के सीसीटीवी में कैद हुआ है। दोबारा से फोटो कैद होने से वन विभाग को फिर एक बार राहत मिली है कि टाइगर अभी भी झाबुआ मे ही है।

 

20 कर्मचारी की टिकी है निगाहें

पिछले चार दिन Tiger ST -2303 झाबुआ में बैठा हुआ है। राजस्थान अलवर की वन विभाग की टीम के 20 से अधिक कर्मचारी टाइगर को पकड़ने के टकटकी लगाए हुए। वन विभाग की टीम के अनुसार टाईगर रात को ही विचरण कर रहा है। ओर दिन में घने जंगल में छुपा रहता है। अंदाजा है वह कोई अंदर ही शिकार कर रहा हो। Tiger Location Update

कैमरे से हो रही निगरानी

सरिस्का से गांव झाबुआ के जंगल में पहुंचे बाघ की पहली तस्वीर सोमवार को सामने आई थी। वहीं गुरूवार सुबह सुबह दूसरी तस्बीर फिर सामने आई है। बाघ मोर एवं चिंकारा प्रजनन केंद्र से मात्र 300 मीटर की दूरी पर छिपा है।

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बता दे कि पूरा जंगल 750 एकड़ में है।  Tiger का फोटो सुबह वन विभाग के ट्रैप कैमरे से ली गई थी। वन विभाग की टीम ने जंगल में 10 ट्रैप कैमरे लगाए हैं। यह ट्रैप कैमरे किसी भी प्रकार की मूवमेंट को तुरंत कैद कर लेते हैंं दोबारा से टाइगर की मूवमेंट कैमरे में कैद हुई है।

बता दे तीन दिन पहने गांव झाबुआ स्थित मोर व चिंकारा प्रजनन केंद्र मे Tiger ST-2303 की फोटो CCTV  में कैद हो गई ​थी। जिसके बाद वन विभाग की टीन ने यहीं पर डेरा डाला हुआ है। Tiger Location Update

बाघ की लोकेशन मिलने के बाद अलवर वन विभाग की टीम ने उसे पकड़ने की पूरी प्लानिंग तैयार की है। वन विभाग की टीम पिंजरा लगाने के अलावा जाल बिछाकर शिकार (किसी जानवर) को रखेगी ताकि शिकार को झपटते ही टाइगर को पकडा जा सके।Tiger Location Update

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 बीहड़ राजस्थान-हरियाणा की सीमा पर बसा

यही Tiger सात माह पूर्व भी जिले Dharuehra  क्षेत्र के गांवों के खेतों में पहुंच गया था। उस समय भी दो वन कर्मियों को घायल कर दिया था। झाबुआ का बीहड़  Rajasthn Haryana  की सीमा पर स्थित है।

 

 

राम भरोसे है टीम: टाइगर को पकडने के लिए बनाई गई टीम राम भरोसी ही कार्य रही हैं न तो संसाधन है न ही ऐसी कोई तकनीक कि टाइगर के पकडा जा सके। गांव में काफी भय बना हुआ है। झाबुआ के लोग दिन रात इसके भय के चलते सो भी नही पा रहे है। गांव में 24 घंटे लोग डंडे लेकर बाहर निकलते है।