Haryana की तीन बेटियों का भारतीय महिला कबड्डी टीम में चयन
हरियाणा की रितु श्योरन, पूजा काजला और पूजा नारवाल ने अपनी मेहनत और लगन से भारतीय महिला कबड्डी टीम में जगह बनाई है। ये तीनों खिलाड़ी आगामी एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी, जिससे हरियाणा और भारत दोनों को गर्व महसूस हो रहा है।

Haryana की तीन बेटियाँ, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और खेल के प्रति समर्पण से कबड्डी की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है, अब भारतीय महिला कबड्डी टीम का हिस्सा बनकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। इन तीन खिलाड़ियों का चयन आगामी एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप के लिए हुआ है, जो 9 से 14 मार्च तक ईरान की राजधानी तेहरान में आयोजित होने वाली है। इन तीन खिलाड़ियों का नाम है – रितु श्योरन, पूजा काजला और पूजा नारवाल। इनका चयन न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है, और इन खिलाड़ियों ने साबित कर दिया है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
1. रितु श्योरन – चर्खी दादरी की होनहार खिलाड़ी
रितु श्योरन, जो चर्खी दादरी जिले के गांव काकडुली हटी की निवासी हैं, एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। रितु ने कबड्डी की दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा पहले ही कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मनवाया है। उनकी कड़ी मेहनत और अनुशासन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। रितु का मानना है कि कोई भी सपना सिर्फ कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से ही साकार हो सकता है।
रितु वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में कार्यरत हैं और पानिपत में तैनात हैं। रितु का खेल से जुड़ा हुआ इतिहास बहुत ही प्रेरणादायक है। उनका परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा और इसने रितु को अपनी क्षमताओं को साबित करने का पूरा अवसर दिया। रितु का कहना है कि कबड्डी उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा है, और वह इसे लेकर बहुत गंभीर हैं। रितु की सफलता यह साबित करती है कि महिला खिलाड़ी भी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।
2. पूजा काजला – जिंद जिले की ताकत
पूजा काजला, जो हरियाणा के जिंद जिले के हठवाला गांव की निवासी हैं, भी भारतीय महिला कबड्डी टीम में चयनित हुई हैं। पूजा ने बचपन से ही कबड्डी खेलना शुरू किया था और अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से इस खेल में महारत हासिल की। पूजा का विशेष ध्यान उनके शारीरिक ताकत और तेज़ी पर है, जो कबड्डी में सफलता पाने के लिए आवश्यक है।
पूजा का कहना है कि कबड्डी उनके जीवन का हिस्सा बन चुकी है, और इस खेल ने उन्हें आत्मविश्वास और अनुशासन सिखाया है। वह भारतीय महिला कबड्डी टीम में अपनी जगह बनाने के बाद काफी खुश हैं और उनका उद्देश्य है कि वह आगामी एशियाई चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड जीतें। पूजा ने यह भी कहा कि उनकी सफलता का राज उनकी कठिन मेहनत, लगातार अभ्यास और उनके परिवार के समर्थन में है।
3. पूजा नारवाल – सोनीपत जिले की नारी शक्ति
पूजा नारवाल, जो सोनीपत जिले के गांव रिधाना की निवासी हैं, भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं और कबड्डी की दुनिया में अपना नाम बना चुकी हैं। पूजा ने अपने खेल से यह साबित किया है कि यदि समर्पण और संघर्ष हो, तो किसी भी खिलाड़ी के लिए सफलता पाना कोई बड़ी बात नहीं है। पूजा की कड़ी मेहनत और खेल के प्रति जुनून ने उन्हें भारतीय महिला कबड्डी टीम का हिस्सा बना दिया।
पूजा का कहना है कि कबड्डी ने उन्हें खुद को साबित करने का एक मौका दिया और इस खेल के माध्यम से उन्हें अपने व्यक्तित्व को बेहतर बनाने का अवसर मिला। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे में काम करने के साथ-साथ कबड्डी खेलना भी उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस चुनौती को पार करने में मदद की।
एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप में भारत की उम्मीदें
इन तीनों खिलाड़ियों का चयन भारतीय महिला कबड्डी टीम में हरियाणा और भारत दोनों के लिए गर्व की बात है। एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप में भारत की महिला कबड्डी टीम का प्रदर्शन हमेशा शानदार रहा है, और इन खिलाड़ियों की भागीदारी से उम्मीद है कि टीम और भी मजबूत होगी। इन खिलाड़ियों के चयन से यह भी साबित होता है कि हरियाणा में खेलों के प्रति उत्साह और प्रतिभा की कमी नहीं है।
Haryana Amateur Kabaddi Association के अध्यक्ष कुलदीप डालाल ने इन तीनों खिलाड़ियों के चयन पर खुशी जताई है और कहा कि यह हरियाणा के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि इन खिलाड़ियों ने कबड्डी के क्षेत्र में जो प्रदर्शन किया है, वह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
हरियाणा की ये तीन बेटियाँ – रितु श्योरन, पूजा काजला और पूजा नारवाल – भारतीय महिला कबड्डी टीम का हिस्सा बनकर न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रही हैं। इनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष ने यह साबित किया है कि कोई भी सपना सिर्फ मेहनत और समर्पण से ही पूरा किया जा सकता है। इन खिलाड़ियों का चयन भारतीय कबड्डी को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा और ये आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का एक बेहतरीन उदाहरण बनेंगी।