हरियाणा: शूगर ब्लैड प्रेशर व मोटापा की बीमारी आजकल तेजी से बढती जा रही हैं। बुजुर्ग की नहीं युवा वर्ग भी आजकल इसकी चपेट मे आ रहा है। लुधियाना स्थित पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्लांट ब्राडीइंग एंड जेनेटिक्स डिपार्टमेंट ने गेहूं की एक ऐसी किस्म तैयार की है इनको रोकने में रामवाण होगी।Rewari: समाज में भागीदारी के लिए डोर टू डोर अभियान
दवाई नहीं इनका ईलाज: कई लोग कई सालों से दवाइ का सेवन कर रहे है। कहीं भी बाहर गए तो उनका परहेज टूट जाता है और यह बीमारी फिर से उनको घेर लेती है। यहीं कारण है कि बीमारी का स्थाई ईलाज नहीं होने के चलते लोग परेशान है।
जानिए क्यों है ये फायदेमंद
यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि गेहूं की इस किस्म में न्यूट्रा सिटिकल वैल्यूज हैं। इसमें रेजिस्टेंस स्टार्च का कॉन्टेंट, जो अमालियों के बढ़ाने से बढ़ता है वो बढ़ाया गया है। इसकी वजह से इसके दाने डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद होंगे और यह फाइबर की तरह डाइजेस्ट हो जाएगी। MSP पर खरीद शुरू नहीं, औने-पौने दाम में बाजरे की फसल बेचने को मजबूर किसान
कई सालों में तैयार हुई नई किस्म
गेहूं की इस खास किस्म को तैयार करने में पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की 10 साल की मेहनत रंग लाई है। इस किस्म का कई जगहों पर ले जाकर परीक्षण किया गया है तब जाकर इस बीज को तैयार करने में सफलता हासिल हुई है।
बाजार में होगी उपलब्ध
किसानों को भी इस बार रबी सीजन में गेहूं की इस नई किस्म का बीज बुआई के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। गेहूं की ये किस्म मरीजों के लिए बेहद लाभदायक साबित होगीMSP पर खरीद शुरू नहीं, औने-पौने दाम में बाजरे की फसल बेचने को मजबूर किसान
कृषि मेले में होगी प्रदर्शनी
मोटापे वाले मरीजों को गेहूं खाने से मना करते हैं लेकिन गेहूं की इस नई किस्म को मोटापे और शुगर वाले मरीज आसानी से खा और पचा भी सकेंगे। 13 और 14 सितंबर को आयोजित होने वाले कृषि मेले में यह बीज किसानों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।