Haryana सरकार ने समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों के उत्थान के लिए Mukhyamantri Vivah Shagun Yojana को अब प्रो-एक्टिव मोड में कर दिया है। इस योजना के तहत विवाह करने वाले प्रार्थी को विवाह के 6 माह की अवधि के भीतर विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके बाद प्रार्थी को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से योजना के तहत आवेदन करना होगा। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि यह योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अनुसूचित जातीय एवं पिछड़े वर्ग कल्याण तथा अंत्योदय (सेवा) विभाग के अंतर्गत संचालित की जा रही है और इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद करना है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रार्थी की परिवार पहचान पत्र (PPP) में पारिवारिक वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए तक होनी चाहिए। डीसी ने बताया कि सबसे पहले विवाह पंजीकरण करवाना आवश्यक है। विवाह पंजीकरण के 6 महीने के अंदर आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल पर की जाती है। अलग-अलग वर्गों के लिए योजना में अलग-अलग राशि निर्धारित की गई है। सरकार ने पूर्व में जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जिसमें विवाह के समय शगुन के तौर पर मिठाई का डिब्बा और 1100 रुपए देने की व्यवस्था थी। अब राशि प्रार्थी की जाति और श्रेणी के अनुसार अधिकतम निर्धारित की जाएगी।
विभिन्न वर्गों के लिए अनुदान राशि
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति/टपरिवास जाति के लोगों की लड़कियों की शादी पर 71,000 रुपए दिए जाएंगे। समाज के अन्य वर्गों की विधवाओं, तलाकशुदा, अनाथ और बेसहारा महिलाओं के पुनर्विवाह पर तथा विधवा स्त्रियों की लड़कियों की शादी पर 51,000 रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। महिला खिलाड़ी (किसी भी वर्ग की) को उनकी स्वयं की शादी पर अब 51,000 रुपए मिलेंगे। सामान्य वर्ग के व्यक्तियों की लड़की की शादी पर 41,000 रुपए दिए जाएंगे, जबकि पिछड़ा वर्ग अब 51,000 रुपए प्राप्त करेगा। दिव्यांग दंपतियों को भी विशेष सहायता दी जाएगी, जिसमें यदि दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हैं तो 51,000 रुपए और यदि केवल एक दिव्यांग है तो 51,000 रुपए दी जाएगी।
जिले में योजना का प्रभाव और लाभार्थी संख्या
जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि महेंद्रगढ़ जिले में इस वर्ष अब तक 1106 नागरिकों ने Mukhyamantri Vivah Shagun Yojana का लाभ उठाया है। योजना के लागू होने से समाज के आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को विवाह में वित्तीय सहायता मिलेगी और उन्हें सामाजिक सुरक्षा का अनुभव होगा। यह योजना न केवल आर्थिक मदद प्रदान करती है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में समान अवसर और सम्मान सुनिश्चित करने में भी मददगार साबित हो रही है।

















