SYL Meeting: सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पुरजोर तरीके से पैरवी करने के बाद अब मुख्यमंत्री इस मामले को लेकर चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में भाग लेंगे। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) हरियाणा का हक है और इसके लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल हर संभव कदम उठा रहे हैंं।Haryana News: हरियाणा के डिप्टी सीएम चौटाला का बड़ा ऐलान, बोले- इस सीट से लडूंगा चुनाव
ग़ौरतलब है कि दोनों राज्यों के बीच 14 अक्टूबर, 2022 को द्विपक्षीय बैठक हुई थी। इसके बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने 04 जनवरी 2023 को दूसरे दौर की चर्चा की जिसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। यहां गौर करने वाली बात है कि एसवाईएल नहर पर हुई सभी बैठकें पंजाब सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण बेनतीजा रही थीं।
हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कुछ समय पहले पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान को पत्र लिखा था और स्पष्ट किया था कि वे एसवाईएल नहर के निर्माण के रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा या मुद्दे को हल करने के लिए उनसे मिलने को तैयार हैं।अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदला,पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
उन्होंने कहा था कि एसवाईएल को लेकर 4 अक्टूबर, 2023 को सर्वोच्च न्यायालय ने एक विस्तृत आदेश पारित किया है। इसमें सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि “निष्पादन जल के आवंटन से संबंधित नहीं है”।
सर्वविदित है कि सर्वोच्च न्यायालय के दो फैसलों के बावजूद पंजाब ने एसवाईएल का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को लागू करने की बजाए पंजाब ने वर्ष 2004 में समझौते निरस्तीकरण अधिनियम बनाकर इनके क्रियान्वयन में रोड़ा अटकाने का प्रयास किया।