Haryana में विभिन्न जिलों में अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) की नियुक्तियों में हरियाणा सिविल सेवा (HCS) अधिकारियों की कमी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है। प्रदेश के कुल 22 जिलों में से 15 जिलों में एडीसी पद विशेष रूप से एचसीएस काडर के लिए निर्धारित हैं, लेकिन वर्तमान में केवल चार ही एचसीएस अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है। शेष जिलों में या तो आइएएस अधिकारियों को तैनात किया गया है या पद रिक्त है।
अंबाला, चरखी दादरी, कैथल, कुरुक्षेत्र, नूंह और महेंद्रगढ़ जैसे छह जिलों में एडीसी का पद अभी भी रिक्त है। इन जिलों में जिला प्रशासन की जिम्मेदारियां अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संभाली जा रही हैं। प्रदेश के सभी 22 जिलों में एडीसी का स्थायी पद स्वीकृत है, जो उपायुक्त के बाद जिला प्रशासन में दूसरा सबसे बड़ा प्रशासनिक पद होता है। एडीसी के पास जिला नागरिक संसाधन और सूचना अधिकारी की जिम्मेदारी भी होती है, जो प्रशासनिक कार्यों में अहम योगदान देता है।
HCS अधिकारियों की तैनाती के नियम और असमानता
अक्टूबर 2020 में जारी एचसीएस काडर संख्या आदेश के अनुसार, 15 जिलों में एडीसी पद पर सिलेक्शन ग्रेड/सुपर टाइम स्केल अर्थात नौ से 18 वर्षों या उससे अधिक सेवा वाले एचसीएस अधिकारियों को तैनात किया जा सकता है। वर्तमान में 2016 बैच तक के अधिकारी इस पद के लिए पात्र हैं। इसके बावजूद, केवल चार जिलों में गुरुग्राम, झज्जर, फतेहाबाद और यमुनानगर में ही 2002 से 2004 बैच के वरिष्ठ एचसीएस अधिकारी तैनात हैं।
आईएएस अधिकारियों की तैनाती और प्रभाव
दूसरी ओर, छह जिलों में रिक्त एडीसी पदों के कारण जिला परिषद और डीआरडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) इस जिम्मेदारी को लिंक अधिकारी के रूप में संभाल रहे हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार, दिसंबर 2018 के आदेश में केवल सात एडीसी पद आइएएस अधिकारियों के लिए निर्धारित किए गए थे, लेकिन वर्तमान में 12 सीनियर स्केल प्राप्त आइएएस अधिकारियों को विभिन्न जिलों में एडीसी की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें 2018 से 2021 बैच के आइएएस अधिकारी शामिल हैं, जो सिरसा, फरीदाबाद, पलवल, भिवानी, हिसार, पानीपत, रेवाड़ी, सोनीपत, रोहतक, करनाल, जींद और पंचकूला जिलों में तैनात हैं।

















